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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार की पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था, एडीजी, डीआईजी और एसएसपी ने संभाली कमान

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महाकुम्भनगर। महाकुम्भ के पहले दिन पौष पूर्णिमा स्नान पर्व पर सुरक्षा व्यवस्था के चाक चौबंद इंतजाम देखने को मिले। पूरे मेला क्षेत्र में डेप्लॉय किए गए 50 हजार से ज्यादा सुरक्षा कर्मी पूरी तरह मुस्तैद रहे तो वहीं एडीजी भानु भास्कर, डीआईजी महाकुम्भ वैभव कृष्ण और एसएसपी महाकुम्भ राजेश द्विवेदी ने ग्राउंड जीरो पर उतरकर सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाली।

महाकुम्भ की सुरक्षा को लेकर योगी सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं। पहले दिन इसकी झलक भी देखने को मिली, जब पूरे मेला क्षेत्र में पुलिसकर्मी मुस्तैदी से ड्यूटी करते नजर आए। वहीं आला अधिकारी भी हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए ग्राउंड पर दिखाई दिए। एडीजी वैभव कृष्ण ने पूरे मेला क्षेत्र का पैदल भ्रमण किया और जगह-जगह पर श्रद्धालुओं से बातचीत की कि कहीं उन्हें कोई समस्या तो नहीं आ रही। यही नहीं, उन्होंने संगम नोज पर वॉच टॉवर पर चढ़कर ऊंचाई से श्रद्धालुओं के लिए किए गए प्रबंधों और सुरक्षा व्यवस्था का मुआयना किया। वहीं दूसरी तरफ, डीआईजी महाकुम्भ वैभव कृष्ण और एसएसपी महाकुम्भ राजेश द्विवेदी घोड़ों पर सवार होकर काफी देर तक सुरक्षा का मुआयना करते रहे। यही नहीं, एसएसपी राजेश द्विवेदी तो सुरक्षा व्यवस्था को परखने के लिए संगम नोज पर गंगा में ही उतर गए। सभी अधिकारियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए हर संभव प्रयास करने के निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में अधिकारियों ने खुद सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभालकर महाकुम्भ के पहले दिन श्रद्धालुओं के अनुभव को यादगार बना दिया।

बटालियन लेकर निकले मेलाधिकारी

मेलाधिकारी विजय किरण आनंद भी पूरी तरह मुस्तैद नजर आए। वो खुद एक बटालियन को लीड करते हुए संगम नोज पहुंचे और वहां तमाम व्यवस्थाओं का जायजा लिया। यही नहीं, उन्होंने सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट को अपने-अपने सेक्टर में बने घाटों पर सभी तरह की व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने पूरी मेला टीम को लगातार 45 दिन तक पूरी मुस्तैदी से कार्य करने के लिए इंस्पायर किया और सुनिश्चित करने को कहा कि किसी भी श्रद्धालु को कहीं भी कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए।

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उत्तर प्रदेश

इंजीनियरिंग और मॉडलिंग छोड़ पुरातन सनातन से जुड़ रहे युवा

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महाकुम्भनगर : प्रोफेशनल लाइफ जी रहे आज के दौर के युवाओं में पुरातन सनातन संस्कृति का आकर्षण लगातार बढ़ता जा रहा है। देश-विदेश में स्थापित एंकर, मॉडल और इंजीनियर जैसे पेशेवर अब भारतीय परंपराओं और अध्यात्म से गहराई से जुड़ रहे हैं। महाकुम्भ के दौरान ऐसे तमाम उदाहरण सामने आए। इनमें एक ओर उत्तराखंड की युवती ने ग्लैमर की दुनिया छोड़कर स्वामी कैलाशानंद गिरि से दीक्षा ली, तो दूसरी ओर आईआईटी बॉम्बे के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के स्टूडेंट रहे इंजीनियर बाबा ने विज्ञान के माध्यम से श्रद्धालुओं को आध्यात्म की गहराइयों से परिचित कराया।

ग्लैमर की दुनिया से सनातन धर्म की शरण में आई युवती

उत्तराखंड निवासी हर्षा देश और विदेश में ग्लैमर इंडस्ट्री का हिस्सा रही हैं। उन्होंने महाकुम्भ में सनातन धर्म की दीक्षा ली। उन्होंने कहा, प्रोफेशनल लाइफ में दिखावे और आडंबर से भरी जिंदगी ने मुझे उबा दिया। मैंने महसूस किया कि वास्तविक सुख और शांति केवल सनातन धर्म की शरण में ही है। स्वामी कैलाशानंद गिरि से दीक्षा लेने के बाद मैंने जीवन का नया अर्थ समझा है।

इंजीनियर बाबा बोले, विज्ञान और अध्यात्म का संगम है महाकुम्भ

हरियाणा के मूल निवासी और आईआईटी बॉम्बे के पूर्व छात्र अभय सिंह को अब इंजीनियर बाबा के नाम से जाना जाता है। महाकुम्भ में श्रद्धालुओं को विज्ञान और अध्यात्म का अनोखा संगम समझा रहे हैं। बाबा जी ने एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी में अपने गहन ज्ञान का उपयोग करते हुए, कॉपी और डायग्राम के माध्यम से श्रद्धालुओं को जीवन और अध्यात्म का महत्व समझाया। बाबा जी ने कहा, साइंस केवल भौतिक जगत को समझाने का माध्यम है, लेकिन इसका गहन अध्ययन हमें अध्यात्म की ओर ले जाता है। जो व्यक्ति जीवन को पूर्ण रूप से समझ लेता है, वह अंततः आध्यात्म की गोद में चला जाता है।

महाकुम्भ ने बढ़ाया सनातन धर्म का प्रभाव

महाकुम्भ में आए लाखों श्रद्धालु भारतीय संस्कृति और आध्यात्म की विविधता से परिचित हो रहे हैं। इंजीनियर बाबा जैसे लोग और ग्लैमर की दुनिया से आई युवती हर्षा का सनातन धर्म के प्रति झुकाव इस बात का प्रमाण है कि आधुनिक जीवन शैली से ऊबकर लोग शांति और स्थायित्व की तलाश में भारतीय परंपराओं की ओर रुख कर रहे हैं। महाकुम्भ के इस आयोजन ने न केवल सनातन धर्म की महानता को प्रदर्शित किया, बल्कि प्रोफेशनल्स और युवाओं के जीवन में आध्यात्मिकता की आवश्यकता को भी उजागर किया। यह आयोजन आधुनिक और पारंपरिक मूल्यों के संगम का प्रतीक बनता जा रहा है।

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