उत्तर प्रदेश
स्वस्थ महाकुम्भ : महाकुम्भ में हार्ट अटैक के 100 से ज्यादा श्रद्धालुओं की बचाई गई जान
महाकुम्भनगर : महाकुम्भ में हार्ट अटैक वाले 100 से ज्यादा श्रद्धालुओं की जान बचा ली गई है। इसके साथ ही आईसीयू में 183 मरीजों का इलाज और 580 का माइनर ऑपरेशन किया गया है। यही नहीं, अब तक 170,727 ब्लड टेस्ट और 100,998 लोगों ने खुद को ओपीडी में दिखाया है। सेंट्रल हॉस्पिटल में देश की सबसे आधुनिक तकनीक से इलाज किया जा रहा है।
आईसीयू में मिल रहा उपचार
महाकुम्भ मेला के नोडल चिकित्सा स्थापना डॉक्टर गौरव दुबे ने बताया कि देश-विदेश से आ रहे श्रद्धालु महाकुम्भ नगर में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। इसके पहले मध्य प्रदेश के दो श्रद्धालुओं को सेंट्रल हॉस्पिटल में जीवनदान मिला। दोनों श्रद्धालुओं को सीने में दर्द होने पर आईसीयू में इलाज किया गया। डॉक्टर एसके पांडे के नेतृत्व में उनकी जांच की गई और उनका सफलतापूर्वक उपचार किया गया। अब दोनों श्रद्धालु पूरी तरह से स्वस्थ हैं। डॉ. पांडे ने बताया कि दोनों श्रद्धालुओं की ईसीजी की गई और बाद में उनका इलाज किया गया। अब वे पूरी तरह से स्वस्थ हैं और इस इलाज के लिए उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ और डॉक्टरों का धन्यवाद किया। इनके अलावा महाकुम्भ में पहुंचे 105 साल के बाबा राम जाने दास, जो हनुमानगंज, फूलपुर के रहने वाले हैं पेट दर्द की समस्या के चलते सेंट्रल हॉस्पिटल पहुंचे थे, जहां उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। उन्होंने यहां की चिकित्सा सुविधाओं की तारीफ की और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त किया।
मरीजों की निगरानी के लिए एआई कैमरों का उपयोग
सेंट्रल हॉस्पिटल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने कमान संभाली है, जिसमें फिजिशियन, डेंटल सर्जन, आर्थो, चाइल्ड, गायनो और पीडियाट्रिशियन विशेषज्ञ तैनात हैं। यहां 10 बेड का आईसीयू तैयार किया गया है। साथ ही मरीजों की निगरानी के लिए एआई-आधारित कैमरों का उपयोग किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश
शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज
गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।
इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।
शुरू में उन्हें करनाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।
बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्पेक्टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्पेक्टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।
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