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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ में 10 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई त्रिवेणी संगम में पावन डुबकी

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महाकुम्भ नगर। मां गंगा, मां यमुना और अदृश्य मां सरस्वती के पवित्र संगम में श्रद्धा और आस्था से ओत-प्रोत साधु-संतो, श्रद्धालुओं, कल्पवासियों, स्नानार्थियों और गृहस्थों के स्नान ने नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। गुरुवार को महाकुम्भ में स्नानार्थियों की संख्या ने नया इतिहास बनाते हुए 10 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया। दोपहर 12 बजे का डेटा जारी होते ही स्नानार्थियों की संख्या 10 करोड़ का फिगर पार कर गई। महाकुम्भ में प्रतिदिन लाखों की संख्या श्रद्धालु पुण्य स्नान का फल प्राप्त कर रहे हैं। स्नान पर्व पर यह संख्या करोड़ों में पहुंच रही है। उल्लेखनीय है कि योगी सरकार का अनुमान है कि इस बार महाकुम्भ में 45 करोड़ लोगों से ज्यादा लोग आने वाले हैं। महाकुम्भ की शुरुआत में ही 10 करोड़ स्नानार्थियों की संख्या पार कर जाना सरकार के सटीक अनुमान की ओर संकेत दे रहा है।

महाकुम्भ में देखने को मिल रही विविध संस्कृतियों की झलक

प्रयागराज में श्रद्धालुओं / स्नानार्थियों के जोश और उत्साह में कोई कमी नहीं दिख रही है। पूरे देश और दुनिया से पवित्र त्रिवेणी में श्रद्धा और आस्था के साथ डुबकी लगाकर पुण्य प्राप्त करने के लिए श्रद्धालु प्रतिदिन लाखों की संख्या में प्रयागराज पहुंच रहे हैं। गुरुवार को ही दोपहर 12 बजे तक 30 लाख लोगों ने त्रिवेणी संगम में स्नान कर लिया। इसमें 10 लाख कल्पवासियों के साथ-साथ देश विदेश से आए श्रद्धालु एवं साधु-संत शामिल रहे। इसके साथ ही महाकुम्भ में 10 करोड़ स्नानार्थियों की संख्या भी पार कर गई। पूरे महाकुम्भ मेला क्षेत्र में भक्तों का तांता लगा रहा। देश के विभिन्न प्रान्तो और विश्व के अनेक देशों से आए श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में स्नान किया। संगम के तटों पर इस समय पूरे देश की विविध संस्कृतियों की झलक देखने को मिल रही है। ऊंच नीच, जात पात, पंथ से ऊपर उठकर लोग संगम स्नान कर एकता के महाकुम्भ के संकल्प को साकार कर रहे हैं।

स्नान पर्व पर उमड़ रही श्रद्धालुओं की भारी भीड़

यदि अब तक के कुल स्नानार्थियों की संख्या का विश्लेषण करें तो 23 जनवरी तक 10 करोड़ से ज्यादा लोग संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। सर्वाधिक 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति के अवसर पर अमृत स्नान किया था, जबकि पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व पर 1.7 करोड़ से ज्यादा लोगों ने पावन डुबकी लगाई थी। इसके अलावा प्रतिदिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु पुण्य स्नान कर रहे हैं।

करोड़ों की भीड़ के बावजूद शहरी जीवन पर नहीं पड़ा असर

महाकुम्भ में जहां एक ओर करोड़ों लोगों की भीड़ संगम स्नान के लिए पहुंच रही है तो वहीं प्रयागराज शहर का आम जनजीवन प्रतिदिन की तरह सुचारू रूप से चल रहा है। स्नानार्थियों का किसी तरह का कोई दबाव शहरी जीवन पर नहीं पड़ रहा है। जिला प्रशासन ने सिर्फ प्रमुख स्नान पर्वों के दिन कुछ बंदिशें लगाई हैं, जबकि बाकी दिन स्कूल, ऑफिस, कारोबार अपनी गति से आगे बढ़ रहा है। इससे शहरवासियों में भी खुशी की लहर है।

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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ में दहेज प्रथा के खिलाफ उठी आवाज

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महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ-2025 के पावन अवसर पर तीर्थराज प्रयाग में आयोजित परमार्थ निकेतन शिविर में गुरुवार को उत्तर प्रदेश की राज्यपाल, आनंदी बेन पटेल ने उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने यहां राष्ट्रसंत पूज्य मोरारी बापू जी के श्रीमुख से हो रही श्रीरामचरित मानस कथा का भी श्रवण किया। इस अवसर पर आनंदी बेन पटेल ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उनके पराक्रम और साधना को नमन किया। उन्होंने कहा कि महापुरुष अपने कार्यों और विचारों से सदैव जीवंत रहते हैं।

राज्यपाल का समाज सुधार पर संदेश

राज्यपाल ने बालिकाओं के सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए वैक्सीनेशन पर जोर दिया। उन्होंने बेटियों के स्वास्थ्य और शिक्षा को प्राथमिकता देने की अपील की। साथ ही, दहेज प्रथा के खिलाफ समाज को जागरूक करने का आह्वान किया।

पूज्य बापू का ज्ञान मार्ग

राष्ट्रसंत मोरारी बापू ने श्रीरामचरित मानस के माध्यम से श्रद्धा और आस्था का महत्व समझाया। उन्होंने कहा कि कथा, धर्म और परमार्थ का गूढ़ अर्थ प्रदान करती है। मलूकपीठाधीश्वर श्री राजेंद्र दास जी महाराज ने कहा कि श्रीरामचरित मानस, श्रीराम का सजीव चरित्र है। उन्होंने पूज्य बापू की कथा को सत्य, प्रेम और करुणा का संगम बताया।स्वामी चिदानंद सरस्वती जी ने नेताजी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि सत्संग और कथा मन की गुलामी से आज़ादी प्रदान करती है।

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