पटना। बिहार चुनाव से पहले राजधानी पटना में चर्चित व्यापारी गोपाल खेमका की हत्या ने सनसनी फैला दी है। पुलिस फिलहाल हत्यारों तक पहुंचने में नाकाम रही है, लेकिन जांच की आंच बेउर जेल तक पहुंच चुकी है। हाल ही में जेल में की गई छापेमारी के दौरान पुलिस को मोबाइल फोन, सिम कार्ड और अन्य आपत्तिजनक सामान बरामद हुए हैं। जेल में बंद एक संदिग्ध से पूछताछ भी की गई है।
अजय वर्मा पर गहराया शक
हत्या के तार बेउर जेल में बंद कुख्यात अजय वर्मा से जुड़ते दिख रहे हैं। बताया जा रहा है कि अजय राजनीति में सक्रिय होने की तैयारी कर रहा था। उसके सोशल मीडिया प्रोफाइल पर खुद को एक राजनीतिक दल का समर्थक और कुम्हारार विधानसभा सीट से भावी उम्मीदवार बताते हुए कई पोस्ट मौजूद हैं। पुलिस ने उससे जेल में पूछताछ की है, लेकिन अब तक उसकी संलिप्तता की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
28 से अधिक आपराधिक मामले
अजय वर्मा के खिलाफ हत्या, अपहरण, डकैती, सुपारी किलिंग और आर्म्स एक्ट समेत कुल 28 से अधिक मामले दर्ज हैं। हाल ही में 24 जून 2025 को उसे पटना से गिरफ्तार किया गया था, जहां से पुलिस ने उसके पास से एक जर्मन मेड पिस्टल और 98 जिंदा कारतूस बरामद किए थे।
बेटे की हत्या के बाद अब पिता भी निशाने पर
गौरतलब है कि इससे पहले वर्ष 2018 में गोपाल खेमका के बेटे गुंजन खेमका की भी हत्या कर दी गई थी। हाजीपुर स्थित फैक्ट्री में बाइक सवार बदमाशों ने उन्हें गोली मार दी थी। गुंजन भाजपा से जुड़े हुए थे।
प्रशांत किशोर का सरकार पर हमला
जनसुराज पार्टी के अध्यक्ष प्रशांत किशोर ने इस हत्याकांड को लेकर बिहार सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा, “राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति लालू यादव के ‘जंगल राज’ जैसी ही बनी हुई है। फर्क सिर्फ इतना है कि तब अपराधियों का बोलबाला था, अब अधिकारियों का है।”