बलरामपुर|उत्तर प्रदेश। धर्मांतरण के मामलों में घिरे जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। मंगलवार को शुरू हुई बुलडोजर कार्रवाई बुधवार को भी जारी रही। प्रशासन ने बलरामपुर जिले के मधपुर गांव स्थित उसकी भव्य कोठी को ज़मींदोज़ करने की मुहिम तेज कर दी है।
लगातार दूसरे दिन चला बुलडोजर
छांगुर बाबा की आलीशान कोठी पर बुधवार को भी बुलडोजर गरजा। प्रशासन ने बताया कि यह निर्माण सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करके किया गया था। एडिशनल एसपी विशाल पांडेय के मुताबिक, कोठी को गिराने के लिए कुल 8 बुलडोजर लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि यह निर्माण बेहद मजबूत था, और इसमें भारी निवेश किया गया था, संभवतः विदेशों से आने वाले फंड के जरिए।
आधे से ज्यादा निर्माण ढहाया जा चुका
पहले दिन की कार्रवाई में लगभग 50 प्रतिशत अवैध निर्माण ध्वस्त किया गया। चूंकि कोठी मजबूत थी, इसलिए तोड़फोड़ में समय और संसाधन ज्यादा लग रहे हैं। बताया जा रहा है कि छांगुर बाबा इसी कोठी को अपने नेटवर्क का केंद्र बनाकर धर्मांतरण का संचालन करता था।
सरकारी जमीन पर था निर्माण
जमीन के रिकॉर्ड की जांच के बाद खुलासा हुआ कि यह कोठी गाटा संख्या 337/370 की जमीन पर बनी थी, जो नीतू नवीन अरोड़ा उर्फ नसरीन के नाम पर दर्ज है। सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे की पुष्टि के बाद कार्रवाई शुरू की गई।
ईडी ने शुरू की मनी लॉन्ड्रिंग जांच
बुलडोजर कार्रवाई के साथ-साथ अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी इस प्रकरण में एंट्री ले ली है। लखनऊ यूनिट ने धर्मांतरण से जुड़े आर्थिक पहलुओं की जांच के लिए ECIR (प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट) दर्ज की है जो एफआईआर के सामान है। ईडी अब इस मामले को मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी फंडिंग के कोण से खंगालेगी। जल्द ही कई आरोपियों से पूछताछ भी की जा सकती है।