आपको फिल्म ‘दबंग’ का डायलॉग तो याद ही होगा.‘थप्पड़ से डर नहीं लगता साहब प्यार से लगता है’ अब ये डायलॉग सच होते नजर आ रहा है रोज सामने आते शादी और प्यार में हत्या के मामले लोग के बीच डर पैदा कर दिया है क्योंकि लोग प्यार के मायने ही भूल गए हैं कहाँ पहले के लोग शादी के बंधन में बंधने के बाद उम्र भर साथ निभाते थे प्यार हो जाता था तो अपनी मोहब्हत के लिए कुर्बान हो जाते थे लेकिन आज का दौर देखिए शादीशुदा जोड़े एक दूसरे की जान के ही दुश्मन बने हुए वहीं दूसरी तरफ प्रेमी प्रेमिका भी एक दूसरे को मौत के घाट उतार रहे हैं.एक दूसरे के इश्क में फना हो जाने की कसमें खाने वाले अब फरेब की ऐसी ऐसी कातिल दास्तान लिख रहें हैं जिसे सुनकर सभ्य समाज सहम जाएग। यूपी के जालौन से एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहाँ एक युवक ने अपनी शादीशुदा प्रेमिका की हत्या कर दी प्रेमी ने प्रेमिका की हत्या इसलिए कर दी, क्योंकि वह उसपर साथ रहने का दबाव बना रही थी। लेकिन, प्रेमी महिला और उसके दो बच्चों की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहता था पर प्रेमिका के बार बार साथ रहने की जिद के कारण प्रेमी ने रास्ते से ये काँटा हटाने का रक्त रजिंत षड्यंत्र रच डाला… जो प्रेमिका उस फरेबी के साथ उम्र भर साथ निभाने का सपना सजों रखी थी उसे क्या पता थी कि इश्क का ये इम्तिहान अपनी जान गवाँ कर देना पडेगा जिसके लिए अपना बसा बसाया संसार छोड़कर घर से भागी थी वहीं प्रेमी उसका कातिल बन गया।
दरअसल ये पूरा मामला जालौन के डकोर गांव का है..जहां पुष्पा तिवारी नाम की महिला. जिसकी शादी 2016 में ऋषि तिवारी नाम के शख्स से हुई थी। शादी के बाद दोनों दंपत्ति हंसी खुशी अपना जीवन बिता रहे थे सबकुछ ठीक ठाक चल रहा था पुष्पा दो बच्चों की मां भी बन चुकी थी. BSc की पढ़ाई कर रही थी लेकिन बच्चों की वजह से उसे पढ़ाई छोड़नी पड़ी गई… पुष्पा और ऋषि सुखी संसार में.उसी गांव का रहने वाला अभिषेक एक दिन किसी ग्रहण की तरह आ गया..अभिषेक पुष्पा के बच्चों को पढ़ाता था इसी दौरान पुष्पा और अभिषेक की नजदीकियां बढ़ती गई.कुछ समय बाद अभिषेक की नौकरी दिल्ली में एक होटल में लग गई थी…अब अभिषेक नौकरी करने के लिए दिल्ली जा चुका था..ले किन वो गाहे बगाहे गांव आता रहता था.अभिषेक जब जब गांव आता तो बच्चों को पढ़ाने के बहाने पुष्पा से मिलने जाया करता था | इसी तरह पुष्पा और अभिषेक का प्यार पनपता रहा..उधर पुष्पा का पति इस प्रेम कहानी से बिल्कुल बेखबर था..खेती किसानी और जिम्मेदारियों में व्यस्त ऋषि को पता ही नही चला की कब उसकी पत्नी पुष्पा, अभिषेक की हो गई.
वक्त बीतता गया अभिषेक और पुष्पा की प्रेम कहानी परवान चढ़ती रही. एक दिन अचानक पुष्पा घर से गायब हो जाती है। शादी का पवित्र बंधन तोड़ पुष्पा अभिषेक की होने निकली थी. लेकिन 7 जून को नैनीताल स्थित भीमताल झील में एक अज्ञात शव मिल। ये लाष किसी की नहीं बल्कि उसी पुष्पा तिवारी की थी…जिससे अभिषेक ने धोखेबाजी से मौत के घाट उतार दिया था… मामले की छानबीन की जानी लगी और पुलिस ने अभिषेक को गिरफ्तार कर लिया।
पुष्पा का कातिल अभिषेक अब पुलिस की गिरफ्त में है… वो कहते है न खाकी के खौफ के आगे बड़े से बड़े अपराधी भी सच कबूल ही देते हैं…अभिषेक ने भी इस कातिलाना इश्क की एक एक दस्तान पुलिस को बताई..अभिषेक ने पुलिस को बताया की उसने कभी भी पुष्पा से साथ रहने का वादा नहीं किया था…लेकिन पुष्पा लगातार उसके साथ भाग जाने की जिद कर रही थी पुष्पा की इस जिद से परेशान होकर अभिषेक ने पुष्पा के कत्ल की साजिश रची…प्लान के मुताबिक, अभिषेक ने 27 मई को पुष्पा को दिल्ली बुलाया और कुछ दिन के बाद उसे वापस जाने के लिए बोला लेकिन पुष्पा अभिषेक को छोड़ कर जाने को तैयार नहीं थी.इसके बाद 30 मई को अभिषेक उसे उत्तराखंड घुमाने ले गया जहां उसे होटल रूम में जमकर शराब पिलाई और फिर पुष्पा को बाहर टहलाने ले जाता है…जब अभिषेक और पुष्पा भीमताल झील के पास सीढ़ियों पर बैठे थे, तभी नशे में धुत पुष्पा को अभिषेक ने सीढ़ियों से झील में धक्का दे दिया और दिल्ली आ गया।
पुलिस के मुताबिक पुष्पा के पति ऋषि तिवारी ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। पुलिस पुष्पा की तलाश कर रही थी की तभी भीमताल में उसकी लाश भी बरामद हो गई। शव के मिलने के बाद पुष्पा के पति ने गांव के ही अभिषेक के नाम रिपोर्ट लिखाई.FIR दर्ज करने के बाद पुलिस अभिषेक की तलाश में जुट गई.पुलिस ने अभिषेक के सिर पर 25 हजार का इनाम भी घोषित कर दिया आखिरकार एक दिन मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने पुष्पा का कातिल अभिषेक को धर दबोचा।
पुष्पा और अभिषेक की इस प्रेम कहानी का अंत बेहद भयावह रहा पुष्पा अपने पीछे न सिर्फ अपना बसा बसाया संसार उजाड कर चली गई बल्कि अपने दो छोटे छोटे बच्चों को भी अनाथ छोड़ गई। क्या गुजर रही होगी उस पति पर जो घर के बाहर की जिम्मेदारियों में इस कदर मशगूल था की उसे पता ही नहीं चला की घर की दहलीज के भीतर उसके हंसते खेलते परिवार की तबाही की पटकथा लिखी जा रही थी। पुष्पा को भी क्या पता था कि जिस इश्क के फितूर में वो फना होने निकली है। उस फरेब और धोखेबाजी के सिवा और कुछ नहीं मिलने वाला…पुष्पा और अभिषेक की ये रक्तरंजित कहानी न सिर्फ समाज में डर पैदा करती है। बल्कि मोहब्बत के नाम पर मिट जाने की कसमें खाने वालों के लिए भी एक मैसेज है…खबरदार होने की रिश्तों की गहराईया और इश्क की असलियत को सजगता से समझने का।