भारत के जाने-माने विशेष सरकारी वकील उज्ज्वल देवराव निकम को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। निकम का नाम देश के सबसे चर्चित और संवेदनशील आपराधिक मामलों में अभियोजन पक्ष की मजबूत पैरवी के लिए जाना जाता है।
हाई-प्रोफाइल केसों के विशेषज्ञ
उज्ज्वल निकम ने 1993 के मुंबई बम धमाकों, 2008 के मुंबई आतंकी हमले, अजमल कसाब, गुलशन कुमार हत्या कांड, प्रमोद महाजन मर्डर केस, कोपर्डी रेप-मर्डर केस, मोहसिन शेख हत्या और मुंबई गैंगरेप जैसे कई बड़े मामलों में अभियोजन पक्ष का प्रतिनिधित्व किया है। उनके 30 साल के करियर में 628 मामलों में दोषियों को उम्रकैद और 37 मामलों में मृत्युदंड की सजा दिलाई जा चुकी है। उनकी कानून और न्याय व्यवस्था में उत्कृष्ट सेवाओं को देखते हुए उन्हें 2016 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया था। 2009 से ही उन्हें Z+ श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है।
साल 2024 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के टिकट पर उत्तर मुंबई से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी वर्षा गायकवाड़ से 16,514 वोटों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्ज्वल निकम को राज्यसभा में नामित किए जाने पर शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “निकम न केवल एक सफल वकील हैं, बल्कि उन्होंने संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करने और न्यायिक प्रक्रिया में पीड़ितों को सम्मान दिलाने में अहम भूमिका निभाई है।”
पारिवारिक पृष्ठभूमि और शिक्षा
30 मार्च 1953 को महाराष्ट्र के जलगांव में जन्मे उज्ज्वल निकम के पिता देररावजी निकम एक वकील और पूर्व न्यायाधीश थे। उनकी मां विमलादेवी स्वतंत्रता सेनानी थीं। निकम ने पुणे यूनिवर्सिटी से विज्ञान में स्नातक और जलगांव के एसएस मनियार लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई की। उनके बेटे अनिकेत निकम भी एक क्रिमिनल लॉयर हैं और मुंबई हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं।
अंतरराष्ट्रीय मंच और फिल्म में भूमिका
2010 में उज्ज्वल निकम ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक आतंकवाद सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। 2017 में उनके जीवन पर आधारित मराठी फिल्म ‘आदेश – पॉवर ऑफ लॉ’ रिलीज हुई थी। वहीं 2025 में 26/11 मुंबई हमलों पर बन रही फिल्म में अभिनेता राजकुमार राव उनकी भूमिका निभाएंगे।