देहरादून। उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश ने तबाही मचाई है। चमोली जिले में भूस्खलन की चपेट में आने से एक दंपति लापता हो गया जबकि रुद्रप्रयाग जिले की बसुकेदार तहसील के बड़ेथ डुंगर तोक क्षेत्र में बादल फटने से कई लोगों के लापता होने की आशंका जताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक, चमोली के देवाल क्षेत्र के मोपाटा गांव में भूस्खलन से एक मकान और गोशाला दब गई। घटना में तारा सिंह और उनकी पत्नी लापता हो गए, जबकि एक अन्य दंपति घायल हुआ है। गोशाला में बंधे 15 से 20 मवेशी भी मलबे में दबने की आशंका है।
रुद्रप्रयाग जिले में बादल फटने से छेनागाड़ डुंगर और जौला बड़ेथ गांव में भारी नुकसान की खबर है। कई मकान क्षतिग्रस्त हुए, खेतों में मलबा भर गया और कई वाहन बह गए। किमाणा और अरखुण्ड क्षेत्रों में बड़े पत्थर और मलबा आने से सड़कें भी अवरुद्ध हो गईं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटनाओं पर दुख जताते हुए कहा कि प्रशासन राहत और बचाव कार्य में तेजी से जुटा है। उन्होंने प्रभावित परिवारों के सकुशल होने की प्रार्थना करते हुए आपदा प्रबंधन अधिकारियों को युद्धस्तर पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
लगातार बारिश के चलते अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। धारीदेवी और रुद्रप्रयाग के बीच बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर नदी का पानी सड़क तक आ गया, जिस कारण आवागमन रोक दिया गया है।टिहरी जिले में भी बादल फटने और भारी बारिश से गेंवाली गांव में तबाही हुई है। कई छानियां और मंदिर मलबे में दब गए हैं जबकि खेत पूरी तरह नष्ट हो गए। बालगंगा, धर्मगंगा और भिलंगना नदियां उफान पर हैं, जिससे लोगों में दहशत है। स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में टीमों को भेजकर राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है तथा ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।