भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई ने कहा कि उन्हें और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन को ‘बुलडोजर न्याय’ के खिलाफ आदेश पारित करने में गहरी संतुष्टि मिली। वह सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ताओं के शैक्षणिक मंच 269वें शुक्रवार समूह को संबोधित कर रहे थे।
मुख्य न्यायाधीश ने बताया कि लगभग छह महीने तक उन्होंने न्यायमूर्ति विश्वनाथन के साथ पीठ साझा की। इस दौरान कार्यपालिका द्वारा अभियुक्तों या दोषियों के नाम पर संपत्तियों को मनमाने ढंग से ध्वस्त करने की प्रवृत्ति के खिलाफ कई अहम निर्देश दिए गए। पीठ ने स्पष्ट किया कि कानून के शासन पर आधारित सभ्य समाज में ‘बुलडोजर न्याय’ अस्वीकार्य है और जिम्मेदार अधिकारियों को जवाबदेह ठहराना ही न्यायसंगत है।
निर्दोष परिवार क्यों भुगते सजा?
फैसले को याद करते हुए CJI गवई ने कहा “यह फैसला हमारे लिए बेहद संतोषजनक था, क्योंकि इसके केंद्र में मानवीय पीड़ा थी। किसी परिवार को केवल इस वजह से परेशान करना कि उसका कोई सदस्य अपराधी है या कथित अपराधी, न्यायसंगत नहीं हो सकता।CJI गवई ने साफ किया कि इस फैसले का श्रेय अकेले उन्हें नहीं बल्कि न्यायमूर्ति विश्वनाथन को भी जाता है। उन्होंने कहा“अक्सर श्रेय मुझे दिया गया, लेकिन यह निर्णय न्यायमूर्ति विश्वनाथन के समान योगदान के बिना संभव नहीं था।
अपने कार्यकाल पर बोलते हुए CJI गवई ने कहा कि भारत में कई मुख्य न्यायाधीश बहुत कम अवधि के लिए पद पर रहते हैं, इसलिए उनके कार्यकाल का न्याय प्रशासन पर दीर्घकालिक असर सीमित होता है। फिर भी उन्होंने न्याय प्रणाली को बेहतर बनाने और देशभर में न्यायपालिका के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास करने की बात कही।