दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के वसंतकुंज नॉर्थ थाने में स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ डॉ. पार्थ सारथी के खिलाफ कई छात्राओं ने यौन शोषण और धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगाए हैं। पुलिस जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
शिकायत से मामला दर्ज
4 अगस्त 2025 को श्री शृंगेरी मठ और उसकी संपत्तियों के प्रशासक पी.ए. मुरली ने शिकायत दर्ज कराई थी कि स्वामी चैतन्यानंद ने शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट (SRISIIM) की EWS स्कॉलरशिप पर PGDM कर रही छात्राओं के साथ गलत हरकतें की हैं।जांच के दौरान 32 छात्राओं के बयान दर्ज किए गए, जिनमें से 17 ने सीधे तौर पर आरोप लगाया कि स्वामी उन्हें अश्लील संदेश भेजता था, गंदी भाषा का इस्तेमाल करता था और शारीरिक छेड़छाड़ करता था। छात्राओं का यह भी कहना है कि कुछ महिला फैकल्टी और एडमिन स्टाफ उन्हें दबाव डालकर स्वामी की गलत मांगें पूरी करने के लिए मजबूर करते थे।
केस और छापेमारी
शिकायत पर BNS की धारा 75(2)/79/351(2) के तहत मामला दर्ज हुआ। पुलिस ने कई जगहों पर छापेमारी की, लेकिन आरोपी अब तक फरार है।अब तक 16 पीड़िताओं के बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराए गए हैं। जांच में संस्थान के बेसमेंट से एक वोल्वो कार भी बरामद की गई, जिस पर फर्जी डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट (39 UN 1) लगी थी। एंबेसी से जांच में स्पष्ट हुआ कि ऐसा कोई नंबर कभी जारी ही नहीं किया गया था। इस मामले में एक और FIR (नं. 385/2025) दर्ज कर गाड़ी को जब्त कर लिया गया है।
संस्थान ने निकाला, आश्रम ने दूरी बनाई
सूत्रों के मुताबिक, मामला सामने आने के बाद आरोपी स्वामी को आश्रम और संस्थान दोनों जगहों से हटा दिया गया है। पुलिस जांच में संस्थान भी सहयोग कर रहा है।दक्षिणाम्नाय श्री शारदापीठ, शृंगेरी ने भी आधिकारिक बयान जारी कर कहा है कि स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती (पूर्व नाम – डॉ. पार्थसारथी) की गतिविधियां अवैध और पीठ के हितों के खिलाफ हैं। इसलिए उनके सभी संबंध तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिए गए हैं। पीठ ने स्पष्ट किया है कि “श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट-रिसर्च (वसंतकुंज, नई दिल्ली)” एक AICTE मान्यता प्राप्त संस्थान है, जिसका संचालन पीठ की गवर्निंग काउंसिल करती है। इस काउंसिल के अध्यक्ष प्रख्यात शिक्षाविद् डॉ. कृष्णा वेंकटेश हैं।