लखनऊ/कानपुर। देश की अग्रणी ऊर्जा कंपनियों में से एक नायरा एनर्जी ने शिक्षा और पोषण क्षेत्र में कार्यरत वैश्विक सामाजिक संगठन अक्षय पात्र फाउंडेशन के साथ साझेदारी की है। अक्षय पात्र, भारत सरकार की प्रमुख पीएम पोषण योजना ’’पूर्व में मिड डे मील योजना’’ का एक सहयोगी संगठन है। इस साझेदारी के तहत कानपुर में एक अत्याधुनिक केंद्रीकृत रसोई का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए दोनों संगठनों के बीच आज एमओयू पर हस्ताक्षर हुए और धार्मिक पूजा अर्चना के साथ निर्माण कार्य का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर बेसिक एजुकेशन राज्य मंत्री संदीप सिंह के साथ अक्षयपात्र फाउंडेशन के नेशनल प्रेसिडेंट भरत दास प्रभु जी, सीएमओ धनंजय गंजू, नायरा एनर्जी के सीएसआर हेड अचिंत्य सिंह, असिस्टेंट डायरेक्टर बेसिक एजुकेशन संतोष राय उपस्थित थे। इन्होंने स्कूली बच्चों को अपने हाथों से पौष्टिक भोजन भी परोसा।
कानपुर में निर्मित हो रही यह रसोई प्रतिदिन एक लाख बच्चों को गर्म, पौष्टिक एवं स्वादिष्ट भोजन उपलब्ध कराने की क्षमता रखेगी। यह भोजन कानपुर के सरकारी एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों तक पहुँचाया जाएगा। रसोई का निर्माण खसरा संख्या 311 एवं 318, कापिली तहसील, कानपुर नगर में किया जा रहा है। इसे नायरा एनर्जी की अब तक की सबसे प्रभावशाली सीएसआर पहल माना जा रहा है।
यह केंद्रीकृत रसोई देश की सबसे आधुनिक रसोइयों में से एक होगी, जिसमें तकनीकी दक्षता और पर्यावरण अनुकूल उपायों का समावेश होगा। रसोई में स्टीम, जैकेट वाले बड़े बर्तन, चावल दाल पकाने की मशीन, ऑटोमैटिक रोटी मेकिंग लाइन और सब्जी धोने काटने की उन्नत मशीनें लगाई जाएंगी। बेहतर भंडारण और खाद्य सुरक्षा प्रणाली इसकी कार्यप्रणाली को और अधिक सुरक्षित बनाएगी। भोजन वितरण के लिए स्टेनलेस, स्टील इंसुलेटेड कंटेनर और जीपीएस सक्षम वाहनों का इस्तेमाल किया जाएगा। साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों को भी बेड़े में शामिल किया जाएगा, जिससे कार्यक्षमता बढ़ेगी और पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित होगा।
इस परियोजना के केंद्र में सस्टेनेबिलिटी को प्राथमिकता दी गई है। इसके लिए सोलर पावर इंस्टॉलेशन, वाटर रीसाइक्लिंग सिस्टम और बायोगैस प्लांट लगाए जाएंगे, जो जैविक कचरे को स्वच्छ ईंधन में बदलेंगे। यह पहल न केवल बच्चों के पोषण को बेहतर बनाएगी बल्कि एक ऐसा नवाचार मॉडल प्रस्तुत करेगी, जिसे भारत ही नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर भी दोहराया जा सकेगा।नायरा एनर्जीं व अक्षय पात्र फाउण्डेशन के वरिष्ठ पदाधिकारियों नें संयुक्त रूप में कहा कि इस पहल के माध्यम से नायरा एनर्जी ने अपने सामाजिक योगदान को और सुदृढ़ किया है, जिससे उसकी कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी सीधे राष्ट्र निर्माण की प्राथमिकताओं से जुड़ती है। वहीं, अक्षय पात्र फाउंडेशन निरंतर इस संकल्प के साथ कार्यरत है कि कोई भी बच्चा भूख के कारण शिक्षा से वंचित न रहे। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए संस्था सरकारों, कंपनियों और समाज के विभिन्न वर्गों के साथ साझेदारी और सहयोग की भावना से आगे बढ़ रही है।
अक्षय पात्र फाउंडेशन एक सामाजिक प्रभाव वाला संगठन है, जो कक्षाओं में भूख की समस्या को दूर करने और बच्चों के स्वास्थ्य एवं शिक्षा को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत सरकार की पीएम पोषण योजना का एक कार्यान्वयन सहयोगी होने के नाते, अक्षय पात्र प्रतिदिन 2.35 मिलियन (23.5 लाख) मध्याह्न भोजन देशभर में 25,000 से अधिक विद्यालयों के लाभार्थी बच्चों को परोसता है। इसके अतिरिक्त, संस्था अपने मॉर्निंग न्यूट्रिशन प्रोग्राम के अंतर्गत 8 लाख पोषणयुक्त नाश्ते उपलब्ध कराती है, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार, विद्यालयों में नामांकन, उपस्थिति एवं निरंतरता बढ़ने के साथ-साथ सीखने के परिणाम बेहतर होते हैं।
अक्षय पात्र ने एक सशक्त संचालन तंत्र स्थापित किया है। वर्तमान में यह 16 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों के 78 स्थानों पर कार्यरत है। संस्था ने 76 अत्याधुनिक केंद्रीकृत रसोइयाँ स्थापित की हैं, जिन्हें उनके पैमाने, दक्षता और खाद्य सुरक्षा मानकों के लिए वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त है। वहीं, दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों और सड़क संपर्क की कठिनाइयों वाले दो स्थानों पर इसने विकेन्द्रीकृत मॉडल को अपनाया है। अक्षय पात्र लगातार नई साझेदारियाँ करता है और तकनीक का उपयोग करके लाखों बच्चों तक पहुँचता है। वर्ष 2000 से अब तक संस्था 4 अरब से अधिक भोजन परोस चुकी है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि को 2 अप्रैल 2024 को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय, न्यूयॉर्क में एक विशेष कार्यक्रम के दौरान मनाया गया।