लद्दाख। लद्दाख के सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वे 10 सितंबर 2025 से लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और इसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर अनशन पर बैठे थे।
बीते दिनों लेह में हुई झड़पों के बाद, जिसमें 4 लोगों की मौत और 70 से अधिक लोग घायल हुए, वांगचुक ने अपना अनशन समाप्त कर दिया था। हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने भाजपा कार्यालय, लेह स्वायत्त विकास परिषद और सुरक्षाबलों के वाहनों को नुकसान पहुंचाया था। हालात बिगड़ने के बाद जिले में कर्फ्यू लगाया गया।
इस बीच, केंद्र सरकार ने वांगचुक के एनजीओ पर भी कड़ी कार्रवाई की है। गृह मंत्रालय ने विदेशी फंडिंग से जुड़े नियमों के कथित उल्लंघन के आरोप में एनजीओ का एफसीआरए रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है। मामला अब सीबीआई जांच के अधीन है।
हिंसा के बाद जारी एक वीडियो संदेश में सोनम वांगचुक ने कहा कि युवाओं का गुस्सा अचानक सड़कों पर दिखाई दिया, लेकिन यह जरूरी नहीं कि सभी उनके समर्थक हों। उन्होंने इसे “युवा पीढ़ी का उबाल” बताया और कहा कि यह आंदोलन हिंसा की बजाय शांति के रास्ते से आगे बढ़ना चाहिए।
वांगचुक ने युवाओं से अपील की “मेरे पांच साल के प्रयासों को हिंसा कमजोर कर देती है। मैं हाथ जोड़कर कहता हूं कि हमें अपनी आवाज शांति और संवाद से उठानी होगी, न कि तोड़फोड़ से।”