न्यूयॉर्क। 80वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तान पर सीधा हमला बोला और उसे “वैश्विक आतंकवाद का केंद्र” करार दिया। उन्होंने कहा कि दशकों से भारत आतंकवाद का सामना कर रहा है और इसके पीछे हमेशा पाकिस्तान की ही भूमिका रही है।
जयशंकर ने कहा, “आतंकवाद से लड़ना हमारी विशेष प्राथमिकता है क्योंकि इसमें कट्टरता, हिंसा, असहिष्णुता और भय का समावेश होता है। भारत आजादी के बाद से ही इस चुनौती का सामना कर रहा है, क्योंकि उसका पड़ोसी देश वैश्विक आतंकवाद का गढ़ है। दुनिया में जितने बड़े आतंकवादी हमले हुए हैं, उनमें किसी न किसी रूप में पाकिस्तान का हाथ रहा है।”
पहलगाम हमले का जिक्र
विदेश मंत्री ने इस साल अप्रैल में पहलगाम में हुए आतंकी हमले का विशेष तौर पर जिक्र किया, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटकों की मौत हो गई थी। उन्होंने कहा कि भारत ने अपने लोगों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए और हमले के आयोजकों व अपराधियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया।
“राज्य नीति के रूप में आतंकवाद अस्वीकार्य”
पाकिस्तान का नाम लिए बिना जयशंकर ने कहा, “जब कोई देश खुलेआम आतंकवाद को अपनी राज्य नीति घोषित करता है, जब आतंकी कैंप औद्योगिक स्तर पर चलते हैं और आतंकवादियों का सार्वजनिक रूप से महिमामंडन किया जाता है, तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ऐसी हरकतों की कड़ी निंदा करनी चाहिए। पूरे आतंकवादी पारिस्थितिकी तंत्र पर लगातार दबाव बनाना जरूरी है, वरना जो देश आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं और उनका समर्थन करने वाले राष्ट्र हैं, उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।”
वैश्विक मुद्दों पर भारत का रुख
अपने संबोधन में जयशंकर ने 2030 के सतत विकास लक्ष्यों की धीमी प्रगति, महामारी के दौरान वैक्सीन वितरण में असमानता और संयुक्त राष्ट्र में तत्काल सुधार की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने सुरक्षा परिषद की स्थायी और अस्थायी सदस्यताओं के विस्तार का आह्वान करते हुए कहा कि भारत “अधिक जिम्मेदारियां निभाने के लिए तैयार है।”
इसके साथ ही विदेश मंत्री ने यूक्रेन और गाजा में जारी संघर्षों का भी उल्लेख किया और कहा कि शांति बहाली के लिए सभी पक्षों से संवाद कर सकने वाले देशों को तेजी से समाधान तलाशने की दिशा में काम करना चाहिए।