नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने बुधवार को नीतिगत ब्याज दरों (Repo Rate) में कोई बदलाव नहीं किया। यानी रेपो रेट फिलहाल 5.50% पर बरकरार रहेगा। 29 सितंबर से चली बैठक के बाद 1 अक्टूबर को RBI गवर्नर *संजय मल्होत्रा ने इसकी घोषणा की। इसका मतलब है कि उपभोक्ताओं को सस्ते कर्ज के लिए अभी और इंतजार करना होगा।
मुद्रास्फीति का परिदृश्य
गवर्नर मल्होत्रा ने कहा कि हाल के महीनों में समग्र मुद्रास्फीति का रुझान उल्लेखनीय रूप से अनुकूल रहा है।कोर इंफ्लेशन जून में 3.7% से घटकर अगस्त में 3.1% हो गया।हाल ही में यह और घटकर 2.6% दर्ज किया गया।यह कमी मुख्यतः खाद्य मुद्रास्फीति और जीएसटी दरों में कटौती के कारण आई है।
RBI के नए मुद्रास्फीति अनुमान (FY26)
FY26 (पूरा वर्ष): 2.6% (पहले 3.1%)
Q2FY26 (जुलाई–सितंबर 2025): 1.8% (पहले 2.1%)
Q3FY26 (अक्टूबर–दिसंबर 2025): 1.8% (पहले 3.1%)
Q4FY26 (जनवरी–मार्च 2026): 4.0% (पहले 4.4%)
Q1FY27 (अप्रैल–जून 2026): 4.5% (पहले 4.9%)
GDP ग्रोथ का अनुमान
RBI ने चालू वित्त वर्ष FY26 के लिए GDP ग्रोथ अनुमान 6.5% से बढ़ाकर 6.8% कर दिया है।
Q2FY26: 7.0% (पहले 6.7%)
Q3FY26: 6.4% (पहले 6.6%)
Q4FY26: 6.2% (पहले 6.3%)
Q1FY27: 6.4% (पहले 6.6%)
रुपये और बैंकिंग सिस्टम पर नजर
RBI गवर्नर ने कहा कि रुपये की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है और जरूरत पड़ने पर कदम उठाए जाएंगे।बैंक लोन ग्रोथ मजबूत बनी हुई है, जिससे आर्थिक गतिविधियों को समर्थन मिल रहा है।अगस्त से औसत दैनिक तरलता ₹2.1 लाख करोड़ अधिशेष स्तर पर बनी हुई है। प्रणाली-स्तरीय संकेतक और NBFC की स्थिति भी सुधार दर्शा रही है।