नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में बुधवार को राजधानी दिल्ली में भव्य शताब्दी समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम में शिरकत की और राष्ट्र निर्माण में संघ के योगदान को रेखांकित करते हुए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए स्मारक डाक टिकट और सौ रुपये के स्मारक सिक्के का विमोचन किया।
अपने संबोधन की शुरुआत में प्रधानमंत्री ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता विजय कुमार मल्होत्रा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। इसके साथ ही उन्होंने नवरात्रि की शुभकामनाएँ दीं और विजयादशमी का महत्व बताते हुए कहा— “यह पर्व अन्याय पर न्याय, असत्य पर सत्य और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है।”
पीएम मोदी ने कहा कि विजयादशमी के पावन अवसर पर सौ वर्ष पूर्व संघ की स्थापना मात्र संयोग नहीं थी, बल्कि यह भारत की उस अनादि राष्ट्र चेतना का पुनरुत्थान था, जो समय-समय पर युग की चुनौतियों का सामना करने के लिए नए रूप में प्रकट होती रही है। उन्होंने संघ को इसी राष्ट्र चेतना का “पुण्य अवतार” बताया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह हमारी पीढ़ी का सौभाग्य है कि हमें संघ के शताब्दी वर्ष का साक्षी बनने का अवसर मिल रहा है। उन्होंने सभी स्वयंसेवकों को बधाई दी और संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार को श्रद्धांजलि अर्पित की स्मारक सिक्के का विवरण साझा करते हुए पीएम मोदी ने बताया कि सौ रुपये के सिक्के पर एक ओर राष्ट्रीय चिह्न अंकित है, जबकि दूसरी ओर भारत माता की भव्य प्रतिमा, सिंह की आकृति और समर्पण भाव से नतमस्तक स्वयंसेवकों की छवि उकेरी गई है।