भुज। गुजरात के भुज में आज (2 अक्टूबर) विजयादशमी के अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना के जवानों के साथ दशहरा मनाया और शस्त्र पूजा की। इस कार्यक्रम में सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी भी मौजूद रहे। भुज से देखते हुए राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को स्पष्ट चेतावनी दी कि अगर सर क्रीक क्षेत्र में कोई दुस्साहस किया गया तो उसका करारा जवाब दिया जाएगा।
भुज में जवानों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि आजादी के 78 साल बाद भी सर क्रीक के मसले को उकसाया जा रहा है। भारत ने इसे बातचीत से सुलझाने की कई बार पहल की, पर पाकिस्तान की नीयत संदिग्ध है। उन्होंने कहा कि पाक ने हाल ही में सर क्रीक के पास अपने सैन्य इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार किया है, जो उसकी मंशा स्पष्ट करता है। रक्षा मंत्री के अनुसार भारतीय सेना और सीमा बल (BSF) मिलकर सतर्कता के साथ देश की सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं।
राजनाथ सिंह ने चेतावनी दी, “अगर सर क्रीक क्षेत्र में पाकिस्तान की ओर से कोई दुस्साहस किया गया, तो उसे ऐसा करारा जवाब मिलेगा कि इतिहास और भूगोल दोनों बदल जाएंगे।” उन्होंने 1965 के युद्ध का हवाला देते हुए कहा कि तब भारतीय सेना ने लाहौर तक पहुंचने की क्षमता दिखाई थी और आज 2025 में पाकिस्तान को यह ध्यान रखना चाहिए कि कराची तक जाने का एक मार्ग सर क्रीक से ही गुजरता है।
इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने ऑपरेशन ‘सिंदूर’ का उल्लेख करते हुए सशस्त्र बलों के शौर्य की प्रशंसा भी की। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंडूर के दौरान हमारी सेनाओं ने दिखा दिया कि जो भी भारत की संप्रभुता को चुनौती देगा, उसे ढूंढकर समाप्त करने की क्षमता हमारे पास है। राजनाथ ने कहा कि हालांकि हमारी क्षमताएँ व्यापक हैं, फिर भी हमने संयम दिखाया क्योंकि लक्ष्य आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई थी—स्थिति को बढ़ाना या युद्ध छेड़ना इसका उद्देश्य नहीं था। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंडूर के सभी सैन्य उद्देश्य सफलतापूर्वक पूरे किए गए, और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी।