उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में गरीब और पिछड़े वर्ग के हिंदुओं को ईसाई धर्म अपनाने के लिए लालच देने के आरोप में पुलिस ने पादरी समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, ये लोग कमजोर वर्ग के लोगों को बहकाकर धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित कर रहे थे।
बारादरी थाने के प्रभारी धनंजय पांडे ने बताया कि सुभाष नगर निवासी ऋषभ ठाकुर और कैंट थाना क्षेत्र के नकटिया निवासी निर्दोष राठौर की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया गया। शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया कि एक ईसाई मिशनरी से जुड़े कुछ लोगों ने सुपर सिटी इलाके में एक मकान किराए पर लेकर धार्मिक आयोजन और प्रार्थना सभाओं के बहाने हिंदू महिलाओं और बच्चों को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया।
पुलिस ने बारादरी थाने में दर्ज एफआईआर में पादरी सुमित मैसी, अमित मैसी उर्फ अक्षय मैसी, सरिता और सत्यपाल को नामजद किया। सोमवार को पुलिस ने सुमित मैसी, अमित मैसी और सरिता को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। वहीं आरोपी सत्यपाल फिलहाल फरार है।
पूछताछ में पादरी सुमित मैसी ने स्वीकार किया कि वे गरीब, दलित और सामाजिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को बेहतर जीवन का वादा कर धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करते थे।
थाना प्रभारी पांडे ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि आरोपी समूह लोगों को ईसाई शिक्षाओं और धर्मग्रंथों से परिचित कराने से पहले मानसिक और भावनात्मक रूप से प्रभावित करने का प्रयास करता था। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि यह गतिविधि कब से चल रही थी और इसमें कितने लोग शामिल थे।