बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चुनावी रैलियों का दौर तेज हो गया है। सभी प्रमुख दल अपने नेता और प्रत्याशियों के साथ जनता को संबोधित कर रहे हैं और एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं।बीजेपी के शीर्ष नेताओं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार में रैलियों को संबोधित करते हुए महागठबंधन पर निशाना साधा। मुंगेर में एक चुनावी सभा के दौरान अमित शाह ने कहा कि महागठबंधन को टिकट बंटवारे में उथल-पुथल का सामना करना पड़ा है और उसके पास न नेता है, न नीति।
महागठबंधन के नेता भी बीजेपी के आरोपों का पलटवार कर रहे हैं। महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा, “बिहार की जनता ने उन्हें (बीजेपी) 20 साल दिए, हम सिर्फ 20 महीने मांग रहे हैं। मुझे जनता पर पूरा भरोसा है कि इस बार बदलाव होगा और सरकार भी बदलेगी। महागठबंधन मिलकर नया बिहार बनाने का काम करेगा। पंचायत प्रतिनिधियों और अन्य ग्राम प्रतिनिधियों का भत्ता दोगुना किया जाएगा और पूर्व पंचायत एवं ग्राम कचहरी प्रतिनिधियों को पेंशन राशि देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के संस्थापक और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी रविवार को कटिहार, किशनगंज और अररिया जिले की विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगे।
वहीं, एनडीए के नेताओं ने भी महागठबंधन पर हमला जारी रखा। भाजपा नेता और बिहार के मंत्री हरि सहनी ने कहा कि महागठबंधन के दावों का कोई आधार नहीं है। “पिछले कुछ महीनों से मुकेश सहनी बार-बार कह रहे हैं कि वह डिप्टी सीएम बनेंगे और तेजस्वी यादव सीएम, लेकिन उनके गठबंधन से किसी ने समर्थन नहीं दिया। अब जब महागठबंधन ने यह मान लिया कि वे सरकार नहीं बना सकते, तो उन्होंने उनकी बात मान ली,” उन्होंने कहा।
राज्य मंत्री संजय सरावगी ने भी तेजस्वी यादव को महागठबंधन का मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किए जाने पर कहा, “महागठबंधन अपना मुख्यमंत्री चेहरा बदल सकता है, लेकिन चुनाव जीत नहीं पाएगा। हम अपने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यादव के नेतृत्व में चुनाव लड़ रहे हैं।बिहार चुनावी माहौल में रैलियों और जनसभाओं के बीच दोनों गठबंधन अपनी ताकत दिखाने में जुटे हैं, जबकि जनता की नजरें अगले मतदान पर टिक गई हैं।