नई दिल्ली। छठ पूजा हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो सूर्य देव और छठी माता की पूजा को समर्पित है। यह त्योहार बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के कुछ हिस्सों में बड़े श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया जाता है। छठ पूजा में भक्त सूर्य देव को अर्घ्य देकर अपने परिवार की सुख-समृद्धि, अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाली की कामना करते हैं।
सूर्य देव को अर्घ्य देने का विशेष महत्व है, क्योंकि सूर्य को जीवन, ऊर्जा और शक्ति का स्रोत माना जाता है। इस दौरान मंत्रों का जाप करने से पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। तो आइये जानते हैं कौन से हैं वो मंत्र जाप-
ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा.
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:
ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
ॐ सूर्याय नम:
ॐ घृणि सूर्याय नम:
छठ पूजा में मंत्र जाप का महत्व
छठ पर्व के दौरान जब भक्त सूर्य उदय और अस्त के समय जल में खड़े होकर अर्घ्य देते हैं, तब इन मंत्रों का जाप करने से शरीर, मन और आत्मा को शुद्धता मिलती है। ऐसा माना जाता है कि सूर्य देव और छठी माता की कृपा से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, और परिवार में सुख-समृद्धि आती है।छठ पूजा सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि यह प्रकृति, अनुशासन और भक्ति का पर्व है। अगर आप श्रद्धा से सूर्य देव को अर्घ्य देते समय इन मंत्रों का जाप करते हैं, तो न केवल आपकी इच्छाएं पूरी होती हैं, बल्कि जीवन में सकारात्मकता और ऊर्जा भी बनी रहती है।