दिल्ली के गांधी विहार इलाके में अक्टूबर के पहले सप्ताह में हुई आग की घटना, जिसमें UPSC की तैयारी कर रहे एक युवक की मौत हुई थी, अब एक भयावह हत्या का मामला साबित हुई है। पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि यह कोई हादसा नहीं, बल्कि एक साजिशन हत्या थी, जिसे ‘क्राइम वेब सीरीज़’ से प्रेरित होकर अंजाम दिया गया।
तिमारपुर थाना पुलिस ने इस हत्याकांड का पर्दाफाश करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें मृतक की लिव-इन पार्टनर और फॉरेंसिक साइंस की छात्रा अमृता चौहान (21), उसका पूर्व प्रेमी सुमित कश्यप (27) और उनका साथी संदीप कुमार (29) शामिल हैं। 6 अक्टूबर 2025 की सुबह पुलिस को गांधी विहार की एक बिल्डिंग की चौथी मंजिल पर आग लगने की सूचना मिली थी। दमकल की टीम ने आग पर काबू पाया तो अंदर से 32 वर्षीय रामकेश मीना का जला हुआ शव बरामद हुआ। वह UPSC परीक्षा की तैयारी कर रहा था।
CCTV फुटेज ने खोला राज
मौके की जांच के दौरान पुलिस को आग के पीछे किसी साजिश का शक हुआ। आसपास लगे CCTV फुटेज में देखा गया कि 5 और 6 अक्टूबर की दरम्यानी रात करीब 2:20 बजे दो लोग मुंह ढककर बिल्डिंग में दाखिल हुए थे। लगभग 2:57 बजे एक युवती अपने साथी के साथ वहां से निकलती दिखी, जिसकी पहचान अमृता चौहान के रूप में हुई। कुछ ही मिनटों बाद बिल्डिंग में आग लग गई। अमृता के कॉल रिकॉर्ड और मोबाइल लोकेशन ने भी उसके घटना स्थल पर मौजूद होने की पुष्टि की।
निजी वीडियो बने हत्या की वजह
पुलिस ने 18 अक्टूबर को मुरादाबाद में छापेमारी कर अमृता को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने कबूल किया कि उसने अपने पूर्व प्रेमी सुमित कश्यप और दोस्त संदीप कुमार के साथ मिलकर रामकेश की हत्या की थी। हत्या की वजह यह थी कि रामकेश ने अमृता के निजी वीडियो और फोटो हार्ड डिस्क में सेव कर रखे थे और उन्हें डिलीट करने से इंकार कर दिया था। इस बात से नाराज होकर अमृता ने अपने एक्स-बॉयफ्रेंड सुमित से बदला लेने की बात कही, जिसके बाद तीनों ने मिलकर हत्या की योजना बनाई। फॉरेंसिक साइंस की छात्रा होने के कारण अमृता को अपराध की तकनीक की जानकारी थी। उसने ऐसा प्लान बनाया कि हत्या को गैस लीकेज से लगी आग की दुर्घटना के रूप में दिखाया जा सके।
योजना के तहत की गई हत्या
5-6 अक्टूबर की रात तीनों आरोपी गांधी विहार पहुंचे। उन्होंने पहले रामकेश की गला दबाकर और डंडे से पीटकर हत्या की। इसके बाद शव पर घी, तेल और वाइन डालकर आग लगाई गई ताकि आग तेजी से फैले। सुमित, जो LPG सिलेंडर डिस्ट्रीब्यूटर था, उसने सिलेंडर का नॉब खोलकर आग को और भड़काया। सबूत मिटाने के लिए अमृता ने अंदर से दरवाजा लॉक किया और बाहर से जाली लगा दी, ताकि यह गैस हादसे जैसा लगे। करीब एक घंटे बाद सिलेंडर फटा और आग ने पूरे कमरे को अपनी चपेट में ले लिया।
तीनों आरोपी गिरफ्तार
अमृता की निशानदेही पर पुलिस ने एक हार्ड डिस्क, ट्रॉली बैग और मृतक की शर्ट बरामद की। इसके बाद 21 अक्टूबर को सुमित कश्यप और 23 अक्टूबर को संदीप कुमार को मुरादाबाद से गिरफ्तार किया गया। तीनों आरोपी वहीं के निवासी हैं। पुलिस ने उनके पास से वारदात में इस्तेमाल मोबाइल फोन भी जब्त किए हैं। दिल्ली पुलिस अब तीनों से आगे की पूछताछ कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस साजिश में और कोई शामिल था या नहीं।