बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का माहौल गर्माने लगा है और सभी राजनीतिक दल अपने-अपने पत्ते खोलने में जुट गए हैं। इसी बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार में एक रैली के दौरान बड़ा बयान दिया है।ओवैसी ने कहा कि मुस्लिम समाज किसी भी पार्टी का गुलाम नहीं है, अब समय आ गया है कि मुस्लिम समुदाय बराबरी की बात करे। उन्होंने कहा कि अगर 3 फीसदी मल्लाह समाज का बेटा या भाई उपमुख्यमंत्री बन सकता है, तो 18 फीसदी मुसलमानों में से किसी को यह मौका क्यों नहीं मिल सकता।
ओवैसी के इस बयान को महागठबंधन की हालिया घोषणाओं से जोड़कर देखा जा रहा है। महागठबंधन ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार और मुकेश साहनी को उपमुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया है, जिससे मुस्लिम वोट बैंक में नाराजगी की चर्चा तेज हो गई है।
AIMIM प्रमुख ने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने मुस्लिम–यादव गठजोड़ के सहारे सत्ता हासिल की और अब दो दशकों से नीतीश कुमार बिहार पर शासन कर रहे हैं, लेकिन मुस्लिम समाज को बराबरी का हक अब भी नहीं मिला है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ओवैसी एक बार फिर सीमांचल इलाके में सक्रिय होकर मुस्लिम वोटों में सेंध लगाने की कोशिश कर सकते हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में AIMIM ने इसी क्षेत्र में कई सीटों पर प्रभाव दिखाया था, और अब 2025 में पार्टी एक बार फिर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की तैयारी में है।