ओडिशा के मालकानगिरी जिले के अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित क्षेत्र में सरकारी नौकरी को लेकर एक गंभीर विवाद सामने आया है। जिले की जिला परिषद की सदस्य और वर्तमान अध्यक्ष श्रीमती समारी तांगुलु पर आरोप है कि उन्होंने अपनी राजनीतिक पहुंच का इस्तेमाल करते हुए प्रेमकुमार माढ़ी की नौकरी अपने कार्यालय के कर्मचारी अरुण के नाम करवा दी। जिला निवासी जाराशबर माढ़ी ने आरोप लगाया कि उनके पुत्र प्रेमकुमार माढ़ी सभी योग्यताओं के बावजूद सरकारी नौकरी से वंचित रहे।
उन्होंने प्रशासन से इस अन्याय के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया, लेकिन अब तक प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है मालकानगिरी जिला, जो अनुसूचित जनजातियों के लिए 5वें अनुसूचित क्षेत्र (fifth schedule)के तहत संरक्षित है, में इस प्रकार का भेदभाव और राजनीतिक हस्तक्षेप चिंता का विषय बन गया है। इस मामले पर मिल्लित मूलनिवासी संगठन के संपादक डम्बरु बाग ने प्रतिक्रिया देते हुए चेतावनी दी है कि यदि प्रेमकुमार माढ़ी को न्यायोचित नौकरी नहीं दी गई, तो वे संगठन के साथ मिलकर लोकतांत्रिक तरीके से सड़कों पर आंदोलन करेंगे और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएंगे।
देखना यह है कि मालकानगिरी प्रशासन इस गंभीर आरोप पर किस तरह की कार्रवाई करता है और जिले में भर्ती प्रक्रिया को लेकर पारदर्शिता सुनिश्चित करता है।