कुंदन कृतज्ञ
बोकारो – तदासा मिश्रा 1994 बैच की आईपीएस अधिकारी है जिसे राज्य का नया प्रभारी पुलिस महानिदेशक(DGP) नियुक्त किया गया है। पुलिस बल की कमान संभालने वाली तदशा मिश्रा राज्य की पहली महिला डीजीपी बनी है। निवर्तमान जीपी अनुराग गुप्ता के त्यागपत्र देने के बाद आईपीएस अनिल पालटा, एमएस भाटिया एवं प्रशांत सिंह के डीजीपी का पद संभालने के कयास लगाए जा रहे थे इसी बीच महिला आईपीएस तदाशा मिश्रा का नाम सामने आ गया जो वर्तमान में एडीजी विशेष शाखा में सचीव के पद पर कार्यरत थी। तदाशा मिश्रा बोकारो की पहली महिला एसपी बनी थी और बाद में पहली बोकारो जोनल आईजी का पद संभालने का गौरव भी प्राप्त हुआ था।
एसपी सीआईडी के पद से बोकारो एसपी के पद पर स्थानांतरित किया गया था। उस समय बोकारो में नक्सली गतिविधि चरम पर था। 2002 में तात्कालिक बाबूलाल मरांडी की सरकार ने बोकारो की पहली महिला एसपी के पद पर उनका स्थानांतरण किया। एसपी ने पदभार ग्रहण करते ही नक्सलियों के खिलाफ लगातार पुलिसिया कार्रवाई और ऑपरेशन जारी रखा। महिला अधिकारी होने के बावजूद अपनी निर्भीकता का परिचय बतौर एसपी के रूप में दिया। नक्सलियों का गढ़ कहे जाने वाले बहुचर्चित झुमरा पहाड़, रहावन, कसमार एवं नावाडीह नक्सलियों के चरम गतिविधियों का केंद्र था। झुमरा एवं लुगू पहाड़ पर लगातार कई दफा पूरे सप्ताह कैंप कर पुलिसिया कार्रवाई और ऑपरेशन जारी रखा जिस ऑपरेशन के दौरान पहली बार झुमरा पहाड़ से हथियार सहित भारी मात्रा में समान की बरामदगी की गई थी। वहीं दूसरी तरफ नावाडीह प्रखंड अंतर्गत ऊपर घाट के इलाके में लगातार चलाए जा रहे अभियान के चलते कई हथियार बरामद हुए बल्कि कई नक्सलियों की गिरफ्तारी भी हुई। उनके कार्यकाल में एक बड़ी उपलब्धि भी रही की बोकारो एसपी के तौर पर उनके प्रयासों से एरिया कमांडर कमल महतो के नेतृत्व में 37 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी एवं स्थानीय डुमरी विधायक सह तत्कालीन ऊर्जा मंत्री लालचंद महतो के सामने इन हथियारबंद नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था। इस आत्मसमर्पण से बौखलाए नक्सली संगठन के द्वारा एरिया कमांडर कमल महतो के जेल से छूटने के बाद नक्सलियों ने प्रतिशोध के रूप में नावाडीह प्रखंड के कंजकीरों में बीच बाजार दिन में गला रेत कर उसकी हत्या कर दी थी।
तदाशा मिश्रा का दूसरा कार्यकाल पदोन्नति के बाद जोनल आईजी के रूप में हुआ। 7 नवंबर 2014 से 23 फरवरी 2016 तक इस पद पर रही। जिसे उन्होंने बोकारो की पहली महिला एसपी के बाद पहली महिला जोनल आईजी बनने का भी कीर्तिमान स्थापित किया। हालांकि बोकारो में नक्सलियों का यह दौर उनका पीछा नहीं छोड़ा और 24 जुलाई 2015 को तत्कालीन गिरिडीह सांसद रविंद्र कुमार पांडे के 24 हाईवा ट्रक में आग लगा दी। सांसद रविंद्र पांडे का तत्कालीन एसपी ए विजयलक्ष्मी से नहीं बनने के कारण आईजी तदाशा मिश्रा ने खुद इस केस को हैंडल किया था और इसका नतीजा था कि कई नक्सली इस मामले में गिरफ्तार किए गए थे। यह नियुक्ति झारखंड पुलिस बल के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होगा एवं महिलाओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बनेगा। उनके अनुभव और सख्त प्रशासक की छवि से राज्य में विधि व्यवस्था कोई एक नई धार मिलेगी और उनका अनुभव नक्सली गतिविधियों पर लगाम लगाने में कारगर साबित होगा।