रिपोर्ट: अनुराग श्रीवास्तव, कानपुर
कानपुर। कानपुर पुलिस कमिश्नरेट ने शहर के बढ़ते क्राइम ग्राफ पर अंकुश लगाने के लिए ‘ऑपरेशन क्लीन स्वीप’ की तैयारी पूरी हो चुकी है, ऐसे में कानपुर पुलिस आयुक्त रघुवीर लाल की अध्यक्षता में आयुक्तालय सभागार में आयोजित चार घंटे की मासिक अपराध समीक्षा बैठक में अपराध दमन की आक्रामक रणनीति को अंतिम रूप दिया गया। इस क्राइम बैठक में अपराधियों की धरपकड़, पुलिस व्यवस्था में जवाबदेही और जनसुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने पर जोर दिया गया। बैठक के तुरंत बाद पुलिस कमिश्नर ने एक्शन लिया, जिसमे रिपोर्ट के आधार पर कई थाना प्रभारियों के कार्यक्षेत्र में फेरबदल किए, कुछ नए प्रभारी नियुक्त हुए जबकि कुछ को साइडलाइन कर दिया गया। जवाब स्पस्ट था कि अब केवल थानों और पुलिस ऑफिस में वही टिकेगा जिससे जनता चाहेगी ।
इस मासिक क्राइम समीक्षा बैठक में संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) आशुतोष कुमार, ने भी समीक्षा बैठक में क्राइम को कंट्रोल करने के कई सुझाव दिए इसके साथ ही संयुक्त पुलिस आयुक्त (मुख्यालय/अपराध) विनोद कुमार सिंह, चारों जोन के डीसीपी, सभी एडीसीपी, एसीपी, थाना प्रभारी एवं शाखा प्रभारी उपस्थित रहे। पुलिस आयुक्त ने सभी स्तरों के अधिकारियों के कार्यों की गहन समीक्षा की, कमियों को चिह्नित किया और स्पष्ट निर्देश दिया कि अब अपराधियों के साथ कोई समझौता नहीं, केवल सख्त कार्रवाई होगी।
पुलिस आयुक्त रघुवीर लाल ने कड़े लहजे में कहा, थाने अपराध का अड्डा नहीं, अपराध का कब्रिस्तान बनेंगे। जनता का विश्वास तभी लौटेगा जब हर अपराधी सलाखों के पीछे होगा। कोई ढील, कोई बहाना, कोई रियायत बर्दाश्त नहीं। उन्होंने एसीपी और एडीसीपी को थानों का दैनिक निरीक्षण, गश्त की रिपोर्टिंग और प्रत्येक शिकायत की व्यक्तिगत समीक्षा करने के सख्त आदेश दिए। लापरवाही बरतने वाले अधिकारी पर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
मीटिंग के तुरंत बाद एक्शन लेते हुए संवेदनशील थानों में पुलिस बल बढ़ाने के लिए पुलिस लाइन में निष्क्रिय पड़े करीब 200 पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से तैनात कर दिया गया। इन जवानों को अपराधियों की गतिविधियों पर 24×7 निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। हाई-रिस्क क्षेत्रों में रिजर्व पीएसी, क्यूआरटी और अतिरिक्त बल की तैनाती भी की गई है। इसके अलावा, 33 पुलिसकर्मियों को बहाल किया गया, जिनमें 1 इंस्पेक्टर, 9 दरोगा, 9 हेड कांस्टेबल, 13 कांस्टेबल और 1 महिला कांस्टेबल शामिल हैं।
थाना स्तर पर सख्ती के तहत कमिश्नर ने सख्त लहजे में कहा कि थानों में अपराधी प्रवृत्ति के व्यक्तियों का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित करें, कोई हिस्ट्रीशीटर, अड्डेबाज या मुखबिर थाने में नहीं बैठेगा। प्रत्येक थाने को वांछित अभियुक्तों की गिरफ्तारी का दैनिक लक्ष्य दिया गया है। साथ ही जनशिकायतों का 48 घंटे में निस्तारण और विवेचना का 15 दिन में गुणवत्तापूर्ण समापन अनिवार्य होगा।
मीटिंग में पुलिस की हालिया उपलब्धियां भी सामने आईं, जिनमें 941 शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण, ऑपरेशन कनविक्शन के तहत 29 मामलों में 51 अपराधियों को सजा, 140 गुमशुदा मामलों में 101 नाबालिगों की बरामदगी शामिल है। हत्या, लूट, नकबजनी और चोरी की 42 वारदातों का खुलासा किया गया तथा 39 वांछित अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। मिशन शक्ति 5.0 के तहत 200 से अधिक स्थानों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हुए। एंटी रोमियो स्क्वॉड ने 25 मामले दर्ज किए, 5 अपराधियों को जेल भेजा और 201 लोगों के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई की। हर थाने में साइबर सेल स्थापित की गई, 208 पुलिसकर्मियों को साइबर ट्रेनिंग दी गई तथा 827 स्थानों पर साइबर जागरूकता अभियान चलाया गया। सभी थानों में पीस कमेटी और ग्राम सुरक्षा समिति का गठन भी पूरा कर लिया गया है।
महिलाओं और बालिकाओं से जुड़े अपराधों पर जीरो टॉलरेंस नीति लागू की गई है। पुलिस आयुक्त ने चेतावनी दी कि महिला सुरक्षा में चूक करने वाला पुलिसकर्मी खुद सजा भुगतेगा। हर थाने में महिला हेल्प डेस्क को सशक्त किया गया है तथा पीड़िताओं को त्वरित सहायता, फास्ट-ट्रैक विवेचना और शीघ्र चार्जशीट सुनिश्चित की जाएगी।
साइबर अपराधों पर पुलिस आयुक्त ने आदेश दिया कि हर साइबर केस अब थाना स्तर पर ही सुलझेगा। कानपुर में मौजूद सभी थानों में साइबर सेल सक्रिय की जा रही हैं। सैकड़ों पुलिसकर्मियों को साइबर फोरेंसिक, डार्क वेब ट्रैकिंग और डिजिटल इन्वेस्टिगेशन का प्रशिक्षण दिया गया है। हर फ्रॉड में तत्काल एफआईआर, ब्लॉकिंग और रिकवरी अनिवार्य होगी।
युद्धस्तरीय क्राइम कंट्रोल प्लान के तहत हर रात 150 से अधिक नाके और 80 से ज्यादा फुट पेट्रोलिंग टीमें तैनात रहेंगी। गैंगस्टर, माफिया और हिस्ट्रीशीटरों पर निरंतर एक्शन जारी रहेगा। हालिया अभियानों में 600 से अधिक गिरफ्तारियां, 300 से ज्यादा अवैध हथियार जब्त और 50 से अधिक गैंग ध्वस्त किए गए हैं। हर थाने में साप्ताहिक क्राइम रिव्यू और मासिक टारगेट मूल्यांकन अनिवार्य होगा।
बैठक के बाद शहर में पुलिस का घेरा और सख्त हो गया है। हर चौराहे पर चेकिंग, हर गली में गश्त और हर संदिग्ध पर नजर रखी जा रही है। पुलिस आयुक्त रघुवीर लाल का अंतिम संदेश है कि कानपुर अपराधमुक्त बनेगा। जनता का भरोसा और अपराधी का खौफ यही हमारा मिशन है।
