पटना। बिहार के पूर्व कैबिनेट मंत्री और जनशक्ति जनता दल के अध्यक्ष तेज प्रताप यादव ने मंगलवार को पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। ये मीटिंग तेज प्रताप यादव के आवास पर हुई। तेज प्रताप ने कार्यकर्ताओं से कहा कि हार जीत लगा रहता है. कोई भी विधायक बनता है तो वह कुर्सी उसकी बपौती नहीं है। पांच साल के बाद फिर उसको जाना है..ऐसा नहीं है कि वह स्थायी है।
बता दें कि लालू यादव के बड़े बेटे जनशक्ति जनता दल के प्रमुख तेज प्रताप यादव की पार्टी की चुनाव में करारी हार हुई है। तेज प्रताप महुआ विधानसभा सीट पर तीसरे स्थान पर रहे, जहां लोजपा (राम विलास) के उम्मीदवार संजय कुमार सिंह ने आरजेडी के मुकेश कुमार रौशन को 44,997 मतों से हराकर जीत दर्ज की। निर्वाचन आयोग के अनुसार, तेज प्रताप को 35,703 वोट मिले। विजेता संजय कुमार सिंह को 87,641 वोट मिले, जबकि रौशन को 42,644 मत प्राप्त हुए। तेज प्रताप ने हाल में अपने पिता द्वारा राजद से निष्कासित किए जाने के बाद नई राजनीतिक पार्टी बनाई थी। तेज प्रताप को 25 मई को राजद से छह वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया गया था।
रोहिणी आचार्य के पक्ष में खुलकर सामने आये तेज प्रताप
वहीं, पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव मंगलवार को अपनी बहन रोहिणी आचार्य के पक्ष में खुलकर सामने आये और कहा कि यदि उनके माता-पिता का किसी भी तरह का मानसिक उत्पीड़न हुआ है, तो केंद्र सरकार और बिहार सरकार इसकी तत्काल निष्पक्ष जांच कराएं। महुआ सीट से चुनाव हार चुके यादव ने अपने ‘एक्स’ हैंडल पर पोस्ट कर रोहिणी आचार्य के हालिया आरोपों का समर्थन किया, जो उन्होंने अपने भाई तेजस्वी यादव और उनके सहयोगी संजय यादव पर लगाए थे।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बिहार सरकार से आग्रह किया कि लालू प्रसाद और राबड़ी देवी पर किसी भी तरह का दबाव डाला गया हो तो उसकी जांच होनी चाहिए। तेज प्रताप यादव ने लिखा, “कहा जा रहा है कि कुछ जयचंद, मेरे माता-पिता पर मानसिक और शारीरिक दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। यदि इसमें थोड़ी भी सच्चाई है तो यह सिर्फ हमारे परिवार पर हमला नहीं है, बल्कि राजद की आत्मा पर सीधा प्रहार है। मैं प्रधानमंत्री, अमित शाह जी और बिहार सरकार से विनम्र अनुरोध करता हूं कि इस मामले की निष्पक्ष, सख्त और त्वरित जांच कराई जाए।