नई दिल्ली| देश की 20 साल पुरानी एयरलाइन इंडिगो पिछले तीन दिनों से गंभीर ऑपरेशनल संकट का सामना कर रही है। स्थिति गुरुवार (4 दिसंबर) को और बिगड़ गई, जब एयरलाइन ने 550 से ज्यादा घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द कर दीं — यह इंडिगो के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी रद्दीकरण संख्या है। कई उड़ानें घंटों देरी से रवाना होने के कारण हजारों यात्री एयरपोर्ट पर फंसे रहे और कई जगहों पर यात्रियों ने एयरलाइन की सेवाओं को लेकर नाराजगी जाहिर की।
कहां-कहां उड़ानें रद्द हुईं?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सबसे ज्यादा प्रभाव प्रमुख एयरपोर्ट्स पर देखने को मिला:
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दिल्ली – 172 उड़ानें रद्द
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मुंबई – 118 उड़ानें
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बेंगलुरु – 100 उड़ानें
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हैदराबाद – 75 उड़ानें
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कोलकाता – 35 उड़ानें
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चेन्नई – 26 उड़ानें
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गोवा – 11 उड़ानें
अन्य शहरों में भी उड़ानों की बड़ी संख्या रद्द होने और देरी की घटनाएँ दर्ज की गईं। डीजीसीए (DGCA) के अनुसार इंडिगो में इन दिनों प्रतिदिन 170–200 उड़ानें रद्द हो रही हैं, जो नियमित संचालन की तुलना में काफी ज्यादा है।
आखिर इस संकट की वजह क्या है?
इंडिगो वर्तमान में पायलट और चालक दल की भारी कमी से जूझ रहा है।
हाल ही में लागू किए गए नए FDTL (Flight Duty Time Limitation) नियमों के कारण पायलटों के आराम का समय बढ़ा दिया गया है और रात में लैंडिंग की सीमा तय कर दी गई है।
इन नियमों का उद्देश्य उड़ान सुरक्षा को बढ़ाना है, लेकिन इसके चलते:
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पायलटों की उपलब्धता कम हो गई
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शेड्यूलिंग पर भारी दबाव बढ़ गया
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उड़ानों के संचालन में बाधा आने लगी
इसी वजह से बुधवार (3 दिसंबर) को एयरलाइन की समयपालन दर मात्र 19.7% रह गई, जबकि इंडिगो अपनी समय-पालन क्षमता के लिए जानी जाती है। तेजी से बिगड़ती स्थिति को देखते हुए सरकार ने इंडिगो को भर्ती प्रक्रिया तुरंत तेज करने का निर्देश दिया है। साथ ही एयरलाइन को हर 15 दिन में भर्ती और सुधार की रिपोर्ट सरकार को सौंपने को कहा गया है, ताकि उड़ान सेवाओं को जल्द सामान्य किया जा सके।