नई दिल्ली। पहले से ही भारत ब्रांड के तहत आटा और दालों की बिक्री कर रही सरकार अब इस ब्रांड के तहत चावल के बिक्री की भी तैयारी चल रही है। सरकार ने यह कदम खाद्दान्न की कीमतो में वृद्धि को देखते हुए उठाया है। नवंबर में खाद्दान्न की कीमतों में 10.27 प्रतिशत इजाफा हुआ, जिससे नवंबर महीने में खाद्य मुद्रास्फीति बढ़कर 8.70 प्रतिशत पर पहुंच गई। इससे पिछले महीने में यह 6.61 प्रतिशत थी।
सरकार अब भारत ब्रांड के तहत 25 रुपये प्रति किलो की दर से चावल बेचेगी। इसकी बिक्री भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड), राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (NCCF) और केंद्रीय भंडार आउटलेट के माध्यम से की जाएगी।
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार चावल की बढ़ती कीमतों को काबू में रखने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। सरकार पहले से ही भारत ब्रांड के तहत आटा और दालों की बिक्री करती है। नवंबर में खाद्दान्न की कीमतों में 10.27 प्रतिशत इजाफा हुआ, जिससे नवंबर महीने में खाद्य मुद्रास्फीति बढ़कर 8.70 प्रतिशत पर पहुंच गई। इससे पिछले महीने में यह 6.61 प्रतिशत थी। कुल कंज्यूमर प्राइस बास्केट में खाद्य मुद्रास्फीति की हिस्सेदारी लगभग आधी है।
बीते कुछ महीनों में सरकार भारतीय खाद्य निगम (FCI) की ओर से की गई ई-नीलामी के माध्यम से खुले बाजार में बिक्री बढ़ाकर गेहूं की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने में सफल रही है। हालांकि इस दौरान चावल का उठाव न्यूनतम रहा है। ऐसे में इसकी कीमतों में वृद्धि 2024 में होने वाले आम चुनाव को देखते हुए सरकार के लिए एक समस्या खड़ी कर सकती है।
FCI ने हाल ही में चावल के लिए अपने OMSS नियमों में भी थोड़ा ढील देते हुए संशोधन किया है। बोली लगाने वाले की अेार से बोली लगाए जा सकने वाले चावल की न्यूनतम और अधिकतम मात्रा क्रमश 1 मीट्रिक टन और 2000 मीट्रिक टन तय की गई है। यह कदम बाजार में अनाज की आपूर्ति बढ़ाने के लिए ओएमएसएस के तहत चावल की बिक्री बढ़ाने के लिए उठाया गया है।