बढ़ती वैश्विक अनिश्चितताओं के जवाब में, जबकि जीएसटी कटौती से मिलने वाला समर्थन प्रभावी होने लगा है, आरबीआई ने नीतिगत दर को अपरिवर्तित रखते हुए एकसंतुलित नीति पेश की। हालांकि केंद्रीय बैंक ने इस नीति में आगे के आंकड़ों की स्पष्टता की प्रतीक्षा में धैर्यपूर्ण रुखअपनाया, लेकिन उसने यह भी माना कि घरेलू मुद्रास्फीतिमें निरंतर नरमी को देखते हुए नीति में और ढील देने की गुंजाइश बन गई है।
दिसंबर में ब्याज दरों में कटौती अभी तय नहीं है और यह टैरिफ के नतीजों तथा इसत्यौहारी सीजन में घरेलू खपत में मजबूती और तेजी पर निर्भर करेगा। आने वाले महीनों में टैरिफ के मोर्चे पर किसी समाधान या आगे वृद्धि के अभाव में, हम वित्त वर्ष 26में टर्मिनल नीति दर को 5% तक ले जाने की दिशा में एक रास्ता देखते हैं। हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2026 में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 6.6%तथा मुद्रास्फीति औसतन 2.5% रहेगी।