नई दिल्ली। सेवा क्षेत्र में होने वाले सुधार और नए व्यवसाय में तेजी के कारण दिसंबर 2022 में भारत के सर्विस सेक्टर में तेजी देखी गई। इस सेक्टर की मांग इतनी मजबूत थी कि जून 2022 के बाद इसमें छह महीने में सबसे तेज वृद्धि दर्ज की गई। सेवाओं की मांग में वृद्धि होने से उत्पादन क्षेत्र को भी बढ़ावा मिला है और बकाया कारोबार में मामूली वृद्धि दर्ज की गई।
मांग में तेजी आने से एसएंडपी ग्लोबल इंडिया सर्विसेज का पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) नवंबर महीने के 56.4 से बढ़कर दिसंबर में 58.5 हो गया, जबकि अक्टूबर में यह 55.1 था। यह पिछले छह महीने में होने वाली सबसे तेज बढ़ोतरी है। राहत की बात है कि जून 2013 के बाद से यह लगातार 17वां महीना है जब सर्विस सेक्टर का ग्रोथ रेट 50 अंकों से ऊपर है। 50 के नीचे PMI होने पर सेक्टर में गिरावट मानी जाती है।
इन सेगमेंट को मिला फायदा
जानकारी के मुताबिक, दिसंबर महीने में अधिक नौकरियां सृजित की गईं। ऊर्जा, भोजन, स्टाफ और परिवहन लागत के बीच फर्मों के खर्चों में तेजी से वृद्धि हुई। इसके कारण बेहतर सेवाओं के लिए शुल्क में वृद्धि हुई। मुद्रास्फीति के रुझान मिश्रित थे, क्योंकि इनपुट की कीमतें तेजी से बढ़ीं और शुल्कों में तेजी आई। व्यावसायिक गतिविधि की बात करें तो नए साल में कारोबार की बढ़त के लिए कंपनियां काफी उत्साहित रहीं, जिसका फायदा सेर्विस सेक्टर को मिला।
नए व्यवसाय ने बढ़ाया रोजगार
एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में इकोनॉमिक्स एसोसिएट डायरेक्टर पोलियाना डी लीमा ने कहा कि सकारात्मक भावना और नए व्यवसाय की निरंतर वृद्धि ने रोजगार सृजन को समर्थन दिया। हालांकि, कुछ ऐसे क्षेत्र थे, जहां कथित रूप से वर्तमान आवश्यकताओं से निपटने के लिए पर्याप्त क्षमता देखी गई। मांग और विपणन योजनाओं में सुधार की भविष्यवाणियों ने दिसंबर में बाजार का रुख सकारात्मक बनाए रखा।