नई दिल्ली। अगर आप नौकरी करते हैं तो आपको अपना CTC (Cost to company) ध्यान से देखना चाहिए। आपके सीटीसी में पीएफ के भी पैसे डिडक्ट होते हैं। EPF (Employees’ Provident Fund) अकाउंट में हर महीने आपकी सैलरी का 12 फीसदी हिस्सा पीएफ फंड में जमा होता है। कर्मचारी के साथ इंप्लॉयर (कर्मचारी जिस कंपनी में काम करता है) भी इस फंड में अपना योगदान देते हैं।
रिटायरमेंट फंड के अलावा ईपीएफ अकाउंट के कई अलग फायदे होते हैं। इन फायदों के बारे में अधिकतर लोगों को कोई जानकारी नहीं होती है। आज हम आपको इस आर्टिकल में ईपीएफ अकाउंट के फायदे के बारे में बताएंगे।
पेंशन का लाभ
प्रॉविडेंट फंड में आपको इंप्लॉई प्रॉविडेंट फंड (EPF) और इंप्लॉई पेंशन स्कीम (EPS) का लाभ मिलता है। इसका मतलब है कि इस फंड में आपको रिटायरमेंट के बाद पेंशन भी मिलता है। पेंशन का लाभ आपको 58 उम्र के बाद मिलता है और इसके लिए आपको कम से कम 10 साल की नौकरी करनी होगी। ईपीएस के तहत आपको 1,000 रुपये पेंशन के तौर पर मिलता है।
नॉमिनेशन का लाभ
Employees’ Provident Fund Organisation (EPFO) में आपको नॉमिनेशन का लाभ भी मिलता है। इसमें अगर EPF अकाउंट होल्डर की मृत्यु हो जाती है तो नॉमिनी को पीएफ का पैसा मिलता है।
VPF में निवेश
कर्मचारी पीएफ के साथ Voluntary Provident Fund (VPF) में भी निवेश कर सकता है। इसमें आपको बेसिक सैलरी से ज्यादा कॉन्ट्रिब्यूशन देना होता है।
पैसे निकासी के नियम
ईपीएफ से पैसे निकालने के लिए भी अलग से एक नियम है। आप नौकरी बदलने के साथ पीएफ अकाउंट को ट्रांसफर भी करवा सकते हैं। इसके साथ ही आप रिटायरमेंट से पहले कई कामों के लिए पीएफ से पैसे भी निकाल सकते हैं।
अगर आपकी जॉब चली जाती है तब भी आप पीएफ अकाउंट से पैसे विड्रॉ कर सकते हैं। इसके अलावा आप आंशिक निकासी भी कर सकते हैं। इसके लिए अलग से नियम हैं।
EPF से ब्याज
EPF पर आपको सालाना इंटरेस्ट मिलता है। इसमें आपको कंपाउंड इंटरेस्ट मिलता है। अभी सरकार द्वारा 8.15 फीसदी के हिसाब से ब्याज दे रही है।
लाइफ इंश्योरेंस
EPFO में कर्मचारी को ईडीएलआई (Employees’ Deposit Linked Insurance) स्कीम के तहत लाइफ कवरेज की सुविधा दी जाती है। वैसे इसमें कम कवरेज दिया जाता है।