अहमदाबाद। मोदी सरनेम मानहानि मामले में अपनी संसद सदस्यता गँवा चुके कांग्रेस नेता राहुल गांधी को गुजरात हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। मामले में निचली अदालत द्वारा मिली सजा पर रोक वाली उनकी याचिका खारिज कर दी गई है। राहुल को निचली अदालत ने दो साल की सजा सुनाई थी। गुजरात हाई कोर्ट की ओर से कल गुरुवार को जारी सूची के मुताबिक जस्टिस हेमंत प्रच्छक की कोर्ट को आज शुक्रवार को अपना फैसला सुनाना था। मामले में राहुल ने पुनर्विचार याचिका दायर कर सजा पर रोक की मांग की थी।
गौरतलब है कि राहुल गांधी द्वारा 2019 में मोदी उपनाम को लेकर की गई टिप्पणी के मामले में मार्च में सूरत की अदालत ने धारा 504 के तहत उन्हें दो साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद राहुल की लोकसभा सदस्यता नियमानुसार ख़त्म हो गई थी। ऐसे में अगर हाई कोर्ट से राहुल के पक्ष में फैसला आता तो कांग्रेस नेता की संसद सदस्यता बहाल हो सकती थी।
ट्रायल कोर्ट के आदेश को बताया सही
गुजरात हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि ट्रायल कोर्ट का दोषी ठहराने का आदेश उचित है, उक्त आदेश में हस्तक्षेप करने की कोई जरूरत नहीं है। कोर्ट ने कहा कि राहुल के इस आवेदन को माना नहीं जा सकता, इसलिए इसे खारिज किया जाता है। कोर्ट ने आगे कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ कम से कम 10 आपराधिक मामले लंबित हैं।
मई में भी नहीं मिली थी अंतरिम राहत
इससे पहले जस्टिस प्रच्छक ने मई में राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि वह ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद अंतिम आदेश पारित करेंगे।
राहुल के वकील ने दी थी यह दलील
राहुल गांधी के वकील ने 29 अप्रैल को सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट में तर्क दिया था कि एक जमानती और गैर-संज्ञेय अपराध के लिए अधिकतम दो साल की सजा का मतलब है कि उनके मुवक्किल अपनी लोकसभा सीट खो देंगे।
राहुल ने क्या कहा था?
बता दें कि 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार की एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था, ‘कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है?’ इसी को लेकर भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। राहुल के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया था।