नई दिल्ली। आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी पर उत्तर प्रदेश सरकार ने कब्ज़ा कर लिया है। तहसील की टीम गुरूवार को यूनिवर्सिटी पहुंची। कब्ज़ा करने के साथ आजम खां के ‘मौलाना मुहम्मद अली जौहर ट्रस्ट’ को भी बेदखल कर दिया गया है। यूनिवर्सिटी का संचालन इस ट्रस्ट के ज़रिए ही होता था। आज़म खां ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं और उनकी पत्नी, शहर विधायक डा. तजीन फातिमा सचिव हैं।
तहसीलदार सदर प्रमोद कुमार के नेतृत्व में दोपहर तीन बजे टीम जौहर यूनिवर्सिटी पहुंची। यूनिवर्सिटी के कुलपति सुलतान मोहम्मद खान से टीम ने बात की और उनसे दखलनामे पर हस्ताक्षर करने को कहा। हस्ताक्षर करने से इंकार करते हुए कुलपति ने कहा कि वे सिर्फ एक मुलाज़िम हैं। पुलिस के साथ 2 गवाहों की मौजूदगी में 173 एकड़ जमीन की कब्जा बेदखली की कार्रवाई हुई।
बता दें कि प्रशासन ने जनवरी माह में ही इस ज़मीन को शाशन निहित करा दिया था। अपर जिलाधिकारी जगदंबा प्रसाद गुप्ता की अदालत ने तब इस जमीन को सरकार में निहित करने के आदेश दिए थे, जिसके विरोध में जौहर ट्रस्ट कोर्ट पंहुचा। 6 सितम्बर को अलाहाबाद हाईकोर्ट ने जौहर ट्रस्ट की याचिका ख़ारिज कर दी। इसके बाद प्रशासन द्वारा बेदखली की कार्यवाई की गई।
समाजवादी पार्टी के सांसदआज़म खां को आज मेदांता से सीतापुर जेल ले जाया जाएगा। पुलिस की टीम लखनऊ पहुंच चुकी है। जेलर के अनुसार, ‘अस्पताल पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी विभागीय प्रक्रिया पूरी कर रहे हैं।’ धोखाधड़ी और अन्य मामलों के चलते आज़म खां और उनके बेटे सीतापुर जेल में बंद थे। कोरोना से संक्रमित होने के बाद आज़म खां को 9 मई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 13 जुलाई को तबियत सुधरने पर उन्हें सीतापुर भेज दिया गया था, लेकिन 19 जुलाई को दुबारा तबियत बिगड़ने पर उन्हें मेदांता में भर्ती कराया गया। अब उन्हें वापस जेल ले जाने की तैयारियां चल रही हैं।