नई दिल्ली। लाल किले के पास हुए धमाके की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच एजेंसियों ने खुलासा किया है कि जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े ‘डॉक्टर मॉड्यूल’ ने 6 दिसंबर को दिल्ली-NCR में सीरियल ब्लास्ट की साजिश रची थी। पूछताछ में सामने आया है कि यह तारीख़ जानबूझकर चुनी गई थी क्योंकि इसी दिन 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिराई गई थी। आतंकी इस दिन को “बाबरी विध्वंस का बदला” बताकर भारत की राजधानी को दहलाने की योजना बना रहे थे।
जांच में शामिल अधिकारियों के मुताबिक, यह साजिश बेहद संगठित और बहु-स्तरीय थी। मॉड्यूल ने राजधानी के छह प्रमुख इलाकों में धमाके करने की योजना तैयार की थी। दिल्ली और एनसीआर के कई हाई-प्रोफाइल इलाकों मॉल, बाजारों और भीड़भाड़ वाले स्थानों की रेकी भी की जा चुकी थी।
खुफिया एजेंसियों के अनुसार, आतंकियों का मकसद 26/11 जैसी दहशत फैलाने का था। योजना थी कि एक साथ करीब 200 बम से पूरे दिल्ली-एनसीआर को हिला दिया जाए। सूत्रों के मुताबिक, साजिश अगस्त 2025 में अंजाम दी जानी थी, लेकिन ऑपरेशन में देरी होने पर इसे 6 दिसंबर पर शिफ्ट किया गया।
जांच में सामने आया है कि जैश सरगना मसूद अज़हर लंबे समय से बाबरी मस्जिद का हवाला देकर अपने समर्थकों को भड़काता रहा है। उसके उपदेशों और लेखों में अयोध्या का ज़िक्र अक्सर मिलता रहा है। इसी वैचारिक अभियान से प्रेरित होकर डॉक्टरों से जुड़ा यह मॉड्यूल तैयार किया गया, जिसे तकनीकी और मेडिकल ज्ञान के जरिए विस्फोटक बनाने की ट्रेनिंग दी गई थी।
जांच एजेंसियों ने अब तक कई संदिग्धों को हिरासत में लिया है और कई ठिकानों पर छापे मारे हैं। सूत्रों के मुताबिक, बरामदगी में बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री, टाइमर डिवाइस और डिजिटल नक्शे मिले हैं। एजेंसियां फिलहाल इस मॉड्यूल के विदेशी कनेक्शन और संभावित फंडिंग की जांच में जुटी हैं।
दिल्ली पुलिस और एनआईए (NIA) ने मिलकर जांच को तेज़ कर दिया है। राजधानी में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि अगर ये साजिश कामयाब हो जाती, तो दिल्ली 26/11 से भी बड़ा हादसा देख सकती थी।