मुंबई। शिवसेना के बागी नेता व महाराष्ट्र की एमवीए (महाविकासअघाडी) सरकार में कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ कड़ा ऐक्शन लेते हुए सीएम उद्धव ठाकरे ने उन्हें शिवसेना विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया है, हालाँकि इस एक्शन का एकनाथ शिंदे की ओर से तुरंत रीएक्शन भी हुआ।
एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर सत्ता के लिए हिंदुत्व से धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए ट्वीट किया, ‘हम बालासाहेब ठाकरे के कट्टर शिवसैनिक हैं। बालासाहेब ने हमें हिंदुत्व की सीख दी थी। हमने कभी इससे धोखा नहीं किया था और न ही कभी हिंदुत्व से गद्दारी करेंगे। हम बालासाहेब ठाकरे की सिखाई हुई बातों के साथ हैं।’
आम्ही बाळासाहेबांचे कट्टर शिवसैनिक आहोत… बाळासाहेबांनी आम्हाला हिंदुत्वाची शिकवण दिली आहे.. बाळासाहेबांचे विचार आणि धर्मवीर आनंद दिघे साहेबांची शिकवण यांच्याबाबत आम्ही सत्तेसाठी कधीही प्रतारणा केली नाही आणि करणार नाही
— Eknath Shinde – एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) June 21, 2022
एकनाथ शिंदे के ट्वीट से जाहिर है कि वह भाजपा के साथ जाने की तैयारी में हैं। उद्धव ठाकरे को बालासाहेब की हिंदुत्व की सीख याद दिलाते हुए शिंदे ने साफ कर दिया है कि शिवसेना की गठबंधन सरकार से संतुष्ट नहीं थे। शिवसेना ने एकनाथ शिंदे के स्थान पर सेवरी के विधायक अजय चौधरी को पार्टी के विधायक दल के नेता पद की जिम्मेदारी दी है।
शिवसेना और एकनाथ शिंदे के करीबी सूत्र बताते हैं कि शिंदे को बालासाहेब ठाकरे के भरोसेमंद नेताओं में से एक माना जाता था। वह पार्टी में किनारे लगाए जाने से नाराज थे। वह एनसीपी को गठबंधन में ज्यादा महत्व मिलने से नाराज थे।
एक तरफ उद्धव ठाकरे सीएम बन गए और उनके बेटे आदित्य ठाकरे को भी मंत्री पद मिल गया, लेकिन शिवसैनिकों की समस्याओं को सुनने के लिए कोई नेता उपलब्ध नहीं था। ऐसे तमाम मुद्दों पर एकनाथ शिंदे की लीडरशिप से नाराजगी बढ़ती चली गई।
कहा यह भी जा रहा है कि एकनाथ शिंदे खुद को सीएम के तौर पर देख रहे थे, लेकिन एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन के अप्रत्याशित तौर पर उद्धव ठाकरे ही सीएम बन गए थे।
गौरतलब है कि शिवसेना के 26 विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे सूरत में कैंप कर रहे हैं। एक तऱफ उद्धव ठाकरे ने आपातकालीन बैठक बुला ली है तो वहीं उत्साहित भाजपा के सीनियर नेताओं की दिल्ली में बैठक चल रही है।