मुंबई। कल तक बागी विधायकों के वापस लौटने पर महाविकास अघाड़ी (MVA) से निकलने तक की बात कर रहे शिवसेना सांसद संजय राउत के तेवर बदले हुए नजर आ रहे हैं। दरअसल, राउत के यह तेवर एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार से मुलाकात के बाद बदले हैं ।
शरद पवार से मुलाकात के बाद संजय राउत ने कहा कि एकनाथ शिंदे और उनके समर्थक विधायकों ने बेहद गलत कदम उठाया है। हम सड़क से लेकर सदन तक की लड़ाई जीतेंगे। राउत ने कहा कि हमें पूरा यकीन है कि हमारी सरकार अगले ढाई साल का कार्यकाल भी पूरा करेगी। उसके बाद भी एमवीए (MVA) की सरकार महाराष्ट्र में आएगी।
राउत ने कहा कि हमने उनको वापस लौटने का भी मौका दिया था लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी। अब हमारा उनको चैलेंज है कि वह महाराष्ट्र में आएं और बहुमत साबित करके दिखाएं।
गौरतलब है कि संजय राउत कल तक यह कह रहे थे कि अगर 24 घंटे के अंदर शिंदे और उनके तमाम बागी समर्थक विधायक वापस लौटते हैं तो शिवसेना महाविकास अघाड़ी (MVA) से निकलने के लिए तैयार हैं, लेकिन आज पवार से मुलाकात के बाद राउत की बॉडी लैंग्वेज अलग थी।
संजय राउत की चेतावनी में कितना दम
शिवसेना के सांसद संजय राउत भले ही तमाम बागी विधायकों को चेतावनी दे रहे हों लेकिन उनकी चेतावनी और रिक्वेस्ट दोनों का असर बागियों की सेहत पर होता नजर नहीं आ रहा है।
एक तरफ मौजूदा समय में जहां एकनाथ शिंदे ने 50 से भी ज्यादा विधायकों के समर्थन का दावा किया है वहीं दूसरी तरफ अब उनके उनके गढ़ ठाणे जिले के 60 पार्षदों ने भी बागी गुट को अपना समर्थन देने का मन बनाया है।
ऐसे में जिस ठाणे शहर में बीते 30 सालों से शिवसेना का झंडा लहरा रहा था, अब वह किला भी उद्धव ठाकरे के हाथ से सरकता हुआ नजर आ रहा है।
विधायकों के खिलाफ एक्शन के मूड में शिवसेना
महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर बागी विधायकों को नोटिस भेज सकते हैं। दरअसल मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 16 विधायकों के निलंबन की मांग की है। शिवसेना की तरफ से राज्यसभा सांसद अनिल देसाई भी विधानसभा पहुंचे हुए हैं।
शिवसेना की तरफ से से कुल 16 बागी विधायकों पर कार्रवाई करने के लिए उपसभापति को चिट्ठी दी गई है, जिसके लिए शिवसेना की लीगल टीम भी विधान भवन पहुंची है।