चंडीगढ़/नई दिल्ली। पंजाबी गायक व कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला की बीते रविवार को हुई हत्या से सीमावर्ती राज्य पंजाब में खौफ का माहौल है। दूसरी ओर खालिस्तानी समूह की सक्रियता ने भी चिंता बढ़ा दी है।
जानकारी के मुताबिक ये समूह अपने काम के लिए तिहाड़ जेल में बंद अपराधियों का सहारा ले रहे हैं। जेल के कर्मचारियों की तरफ से भी मदद मिलने की बात सामने आई है।
रिपोर्ट में खुफिया सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर का इस्तेमाल खालिस्तानी समूह कर रहे हैं। उनके अनुसार, ये अपराधी जेल परिसर से अपनी गतिविधियां चला रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि तिहाड़ में करीब 17-18 गैंगस्टर बंद हैं, जो अपना काम आसानी से चला रहे हैं। उन्होंने बताया कि पैसों के बदले अपराधियों की मदद करने वाले जेल कर्मचारियों की भूमिका भी जांच के घेरे में है।
कुछ जेल कर्मचारियों ने कथित तौर पर बैरक के अंदर फोन और सिम कार्ड्स पहुंचाने के लिए मोटी रकम वसूली है। सूत्रों का कहना है कि कनाडा के खालिस्तानी समूह इन गैंगस्टर्स का इस्तेमाल आपराधिक और भारत-विरोधी गतिविधियों के लिए कर रहे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, इन समूहों ने कथित तौर पर वसूली के लिए गायकों की पहचान की है। हाल ही में पंजाबी गायक मनकीरत औलख ने सुरक्षा की मां की है।
कनाडा के गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी ली है। बराड़ तिहाड़ जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का करीबी है, जिससे मंगलवार को पूछताछ की गई।
तिहाड़ में बंद अधिकांश गैंगस्टर्स के तार दिल्ली, उप्र और उत्तराखंड से हैं। सूत्रों ने बताया कि जेल अधिनियम के तहत उन्हें अलग-अलग जेलों में भेजने का प्रस्ताव भी दिया गया है।