नई दिल्ली। AIMIM (आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने 2024 में पीएम पद की रेस में शामिल नेताओं पर टिप्पणी करते हुए कहा कि राहुल गांधी पीएम मैटेरियल नहीं है। नीतीश कुमार तो अब खत्म हो गए हैं। उनकी दवाई की तो एक्सपायरी डेट हो चुकी है।
अरविंद केजरीवाल को छोटा रिचार्ज बताते हुए ओवैसी ने कहा कि वह तो खुद ही हिंदुत्व की राह पर हैं। केजरीवाल सीलमपुर में जाते हैं तो कहते हैं कि भाजपा को हराना है, लेकिन दूसरे इलाकों में जाकर कहते हैं कि हमने मोहल्ला क्लीनिक खोल दिए हैं। ओवैसी ने गुजरात चुनाव को लेकर कहा कि अरविंद केजरीवाल ने बिलकिस बानो पर कुछ भी नहीं कहा। हैदराबाद से सांसद ने कहा कि कांग्रेस तो खुद 27 सालों से कुछ नहीं कर पा रही है।
कांग्रेस के पास राहुल हों तो दुश्मन की क्या जरूरत है?
उन्होंने कहा, ‘मैं तो अब यहां आया हूं, लेकिन कांग्रेस क्यों एग्जाम से ठीक पहले ही तैयारी करती है।’ ओवैसी ने कहा, ‘कांग्रेस में राहुल गांधी जैसे लोग ज्यादा हो जाएंगे तो उसे दुश्मनों की जरूरत ही नहीं होगी।’ ओवैसी ने कहा कि भाजपा के पास कोई ताकत नहीं है। मोदी को हटा देंगे तो भाजपा के पास कुछ नहीं रहेगा।
उन्होंने कहा कि मोदी से देश नहीं है, यदि 130 करोड़ लोग चाह लेंगे तो उन्हें हटना होगा। गुजरात में जैसी बात भाजपा के लिए कही जाती है, वही सीपीएम के लिए बंगाल में कही जाती थी। कोई खुद को भगवान मान लेता है तो जनता उसे धूल चटा देती है।
आजमगढ़ में मैं नहीं लड़ा, क्यों हार गए अखिलेश यादव
वोटकटवा होने के सवाल पर ओवैसी ने कहा कि मैं तो आजमगढ़ में चुनाव नहीं लड़ा था, फिर सपा क्यों हार गई। रामपुर में सपा क्यों हार गई। उन्होंने कहा कि ये लोग हार जाते हैं तो मुझे जिम्मेदार बताते हैं, लेकिन हम चुनाव क्यों न लड़ें।
ओवैसी ने कहा कि मुझे पीएम और सीएम नहीं बनना है। इसलिए मैं खुलकर बात करता हूं। ये सेकुलर पार्टियां भाजपा का डर दिखाकर चुनाव लड़ती हैं, लेकिन हम उम्मीद दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि आप जाकर देखिए कि गुजरात में मुस्लिम इलाकों के क्या हालात हैं। बच्चों को स्कूल नहीं मिल रहे हैं और पीने के पानी तक की किल्लत है।
EWS आरक्षण पर भी उठाया सवाल
ओवैसी ने कहा कि मुसलमानों के जो बड़े-बड़े चौधरी लोग हैं, उन्हें चुनाव से पहले ही उनकी जिंदगी याद आती है। चुनाव के कुछ दिन बाद वह गायब हो जाते हैं। हम गुजरात में 12 सीटों पर लड़ रहे हैं और सभी पर जीतने का प्रयास करेंगे।
इस दौरान उन्होंने ईडब्ल्यूएस आरक्षण का भी विरोध किया है और कहा की इसकी समीक्षा होनी चाहिए। इसमें 8 लाख की लिमिट तय की गई है, जो गलत है। दलितों को तो स्कॉलरशिप के लिए ढाई लाख की लिमिट है और सवर्णों के लिए यह सीमा गलत है।
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