नई दिल्ली। भारतीय विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला 2 अक्टूबर यानी आज चार दिन के दौरे के लिए श्रीलंका पहुंचे। इस दौरे पर वे कई अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे। खास तौर पर इन्फ्रास्ट्रक्चर और एनर्जी प्रोजेक्ट्स की प्रगति पर निरीक्षण करेंगे।
सभी मुद्दों में से श्रीलंका की आर्थिक सहायता की ज़रूरतों पर खास बात की जाएगी। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस रिलीज़ में लिखा कि ‘विदेश सचिव की यात्रा दोनों देशों के बीच संबंधों, द्विपक्षीय परियोजनाओं की प्रगति, कोरोना वायरस से निपटने को लेकर सहयोग आदि को लेकर समीक्षा करने का अवसर प्रदान करेगी।’
आगे कहा गया कि ‘श्रीलंका, भारत की पड़ोसी देशों की नीति में केंद्रीय स्थान रखता है।’ श्रीलंका के कोलंबो के पूर्वी कंटेनर टर्मिनल के लिए भारत और जापान के साथ समझौते को रद्द करने को ले कर ये यात्रा की गई है। साथ ही ये दौरा त्रिकोमाली तेल फार्म सहित कई और प्रस्तावों की धीमी गति को बढ़ाने के लिए लाभदाई होगा। भारत इस बात से चिंतित है कि श्रीलंका भारतीय प्रोजेक्ट्स को मंज़ूरी देने में काफी वक़्त ले रहा है, वहीं चीन के सभी प्रोजेक्ट्स को महामारी के बीच भी आसानी से मंज़ूर मिल गई।
बता दें कि भारत में श्रीलंका के उच्चायुक्त मिलिंडा मोरागोडा ने कहा था, ‘दोनों देशों में भरोसे की कमी और गलत धारणाओं की वजह से नई दिल्ली को ऐसा लगता है कि श्रृंगला चीन के करीब है लेकिन नई दिल्ली और कोलंबो की सभ्यता संबंधी कड़ी इन मतभेदों को दूर करती है।’ श्रींगला इस यात्रा में कैंडी, त्रिकोमाली और जाफना भी जाएंगे। भारत श्रीलंका की कोरोना महामारी से निपटने में भी मदद करेगा।