डॉ. नवल कुमार वर्मा एक प्रसिद्ध होम्योपैथिक विशेषज्ञ हैं जिन्होंने कैंसर के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया है। वह कैंसर के कारणों, निदान और उपचार के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रसिद्ध होम्योपैथिक विशेषज्ञ एवं वेलनेस साइंटिस्ट डॉ. नवल कुमार वर्मा के साथ कैंसर पर अंकित कुमार गोयल का एक्सक्लुसिव इंटरव्यू
कैंसर के बारे में सबसे बड़ा मिथक क्या है जिसे आप दूर करना चाहते हैं?
सबसे बड़ा मिथक यह है कि “कैंसर का कोई इलाज नहीं है।” सच्चाई यह है कि अगर कैंसर का समय पर पता चल जाए और रोगी का समग्र उपचार — शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक — किया जाए तो उसे नियंत्रित और कई मामलों में पूरी तरह ठीक भी किया जा सकता है। बीमारी से ज्यादा डर और भ्रम नुकसान पहुँचाते हैं।
होम्योपैथी कैंसर के उपचार में कैसे मदद कर सकती है, और इसके क्या लाभ हैं?
होम्योपैथी शरीर की प्राकृतिक रोग प्रतिरोधक शक्ति को सक्रिय करती है। इससे न सिर्फ कैंसर की प्रगति को धीमा किया जा सकता है बल्कि उपचार के दौरान दर्द, उल्टी, कमजोरी, थकान और मानसिक तनाव जैसी परेशानियों में भी काफी राहत मिलती है। यह इलाज कोमल, बिना साइड इफेक्ट्स और रोगी-केंद्रित होता है।
आप कैसे कैंसर के रोगियों को उनकी जीवनशैली और आहार में बदलाव करने की सलाह देते हैं?
मैं हमेशा कहता हूँ — “इलाज सिर्फ दवा से नहीं, भोजन और जीवनशैली से भी होता है।”
* विषम आहार और प्रोसेस्ड फूड से बचें।
* एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर प्राकृतिक आहार लें।
* सुबह जल्दी उठें, नियमित व्यायाम करें।
* मानसिक शांति के लिए मेडिटेशन, प्राणायाम और सकारात्मक सोच अपनाएं।
क्या कैंसर को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है, और कैसे?
हाँ, कई मामलों में कैंसर को पूरी तरह ठीक किया गया है। इसका रहस्य है — शुरुआती पहचान, सही चिकित्सा, रोगी की मानसिक ताकत और समग्र चिकित्सा दृष्टिकोण। होम्योपैथी आधुनिक चिकित्सा के साथ मिलकर रोगी की रिकवरी में अद्भुत परिणाम दे सकती है।
कैंसर के निदान में किन डायग्नोस्टिक टूल्स का उपयोग किया जाता है, और वे कैसे मदद करते हैं?
आधुनिक डायग्नोस्टिक उपकरण जैसे
• PET Scan
• MRI
• CT Scan
• Biopsy
• Tumor Markers
इनसे बीमारी के प्रकार, फैलाव और स्टेज की सटीक जानकारी मिलती है, जिससे व्यक्तिगत उपचार योजना बनाना आसान होता है।
क्या आप कुछ विशिष्ट होम्योपैथिक दवाओं के बारे में बता सकते हैं जो कैंसर के उपचार में प्रभावी हैं?
हाँ, जैसे Carcinosin, Conium, Thuja, Calcarea fluorica जैसी औषधियाँ कई मामलों में लाभकारी सिद्ध हुई हैं। लेकिन हर रोगी की दवा उसकी संपूर्ण रोगावस्था को देखकर व्यक्तिगत रूप से तय की जाती है। यही होम्योपैथी की खासियत है।
कैंसर के उपचार में एकीकृत दृष्टिकोण क्या है, और यह कैसे मदद कर सकता है?
Integrated Approach यानी आधुनिक चिकित्सा + होम्योपैथी + पोषण + योग + मानसिक हीलिंग।
जब यह सब एक साथ आता है तो शरीर, मन और आत्मा तीनों स्तरों पर स्वास्थ्य पुनर्स्थापित होता है। इससे उपचार की प्रभावशीलता कई गुना बढ़ जाती है।
आप कैसे कैंसर रोगियों को उनके मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को बनाए रखने की सलाह देते हैं?
रोगी को सकारात्मक सोच, ध्यान, योग, संगीत और परिवार के सहयोग से मानसिक रूप से मजबूत बनाना जरूरी है। डर और अवसाद को दूर करना उपचार का पहला कदम है। मैं अक्सर कहता हूँ — “जब मन जीतेगा तो शरीर भी लड़ेगा।”
कैंसर के उपचार में होम्योपैथी की भूमिका के बारे में आपके क्या विचार हैं?
होम्योपैथी बीमारी को सिर्फ दबाती नहीं, बल्कि शरीर को भीतर से संतुलित करती है। यह दर्द को कम करने, उपचार की गुणवत्ता बढ़ाने और जीवन की गुणवत्ता सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
क्या आप कुछ सफल कैंसर उपचार कहानियों को साझा कर सकते हैं जो आपके अभ्यास में आई हैं?
हाँ, मेरे पास ऐसे कई केस हैं जहाँ Stage 3 और Stage 4 के मरीजों ने न केवल लंबे समय तक स्वस्थ जीवन जिया, बल्कि कई ने कैंसर को पूरी तरह हराया। इन सफलताओं का श्रेय दवा के साथ-साथ उनकी मानसिक शक्ति और जीवनशैली परिवर्तन को भी जाता है।
आपके अनुसार, कैंसर के उपचार में भविष्य में क्या संभावनाएं हैं, और हम कैसे इसका सामना कर सकते हैं?
भविष्य समग्र और पर्सनलाइज्ड ट्रीटमेंट का है — जहाँ आधुनिक विज्ञान और पारंपरिक चिकित्सा साथ आएंगे। कैंसर की रोकथाम में जागरूकता, स्वच्छ आहार और मानसिक स्वास्थ्य बहुत बड़ा रोल निभाएंगे। यह बीमारी जितनी बड़ी है, उससे बड़ा समाधान भी संभव है।