इस्लामाबाद। पाकिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने एक बार फिर बड़ा हमला किया है। रिपोर्टों के मुताबिक, आतंकियों ने घात लगाकर सेना के काफिले को निशाना बनाया, जिसमें 12 सैनिकों की जान चली गई। हमलावर हथियार भी लूटकर ले गए।
हमले के बाद टीटीपी ने सोशल मीडिया पर इसकी जिम्मेदारी ली। माना जा रहा है कि यह हाल के महीनों में सबसे बड़ा हमला है। पिछले कुछ समय से पाकिस्तान में आतंकी घटनाओं में लगातार इज़ाफा हुआ है।
2014 में बड़े सैन्य अभियान के बाद पाकिस्तानी सेना ने दावा किया था कि टीटीपी को काफी पीछे धकेल दिया गया है, लेकिन 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद सीमा क्षेत्रों में आतंकी गतिविधियां फिर बढ़ने लगीं। इसके चलते पाकिस्तान ने कई बार काबुल प्रशासन पर आतंकियों को रोकने में नाकामी के आरोप लगाए।
अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, खैबर पख्तूनख्वा के कई इलाकों में स्थानीय लोग आतंकी प्रभाव को लेकर चिंतित हैं। टीटीपी के लड़ाकों और हमलों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। अमेरिकी मीडिया की एक रिपोर्ट बताती है कि 1 जनवरी से अब तक खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में हुए आतंकी हमलों में करीब 460 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें अधिकतर सुरक्षा बलों के जवान शामिल हैं। वहीं, इस्लामाबाद स्थित एक सुरक्षा शोध संस्थान के अनुसार, पिछला साल लगभग एक दशक में सबसे घातक साबित हुआ, जब 1,600 से अधिक लोग मारे गए, जिनमें से आधे से ज्यादा सेना और पुलिस के जवान थे।