नई दिल्ली। 26/11 के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को लेने के लिए अब भारत की टीम अमेरिका पहुंच गई है। सूत्रों के अनुसार, राणा कल सुबह तक दिल्ली पहुंच सकता है। इसके भारत प्रत्यर्पण को लेकर सुरक्षा बढ़ा दी गई है और उचित व्यवस्थाएं की जा रही हैं। अमेरिका से तहव्वुर राणा को भारत लाने पर पहले कुछ हफ्ते राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत में रहने की संभावना है। सूत्र बताते हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी तैयारियों पर कड़ी नजर रख रहे हैं।
तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण भारत की बड़ी जीत
अमेरिका से तहव्वुर राणा को लाया जाना भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक भी जीत है। अभी तक 26 नवंबर 2008 के हमलों के लिए भारत में जिम्मेदार एकमात्र प्रमुख ऑपरेटिव अजमल कसाब रहा, जिसने 170 से अधिक लोगों की जान ले ली थी, वो एकमात्र बंदूकधारी था, जिसे जिंदा पकड़ा गया था। उस पर बाद में मुकदमा चला और उसे फांसी दे दी गई थी।
दिसंबर 2019 में भारत सरकार की ओर से राजनयिक चैनलों के माध्यम से तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण का औपचारिक अनुरोध करने के बाद ये प्रक्रिया शुरू की गई थी। जून 2020 में गिरफ्तारी अनुरोध किया गया था।
राणा 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मामले में वांटेड है। मुंबई हमले की चार्जशीट के मुताबिक राणा हमले के मास्टरमाइंड मुख्य आरोपी डेविड कोलमैन हेडली की मदद कर रहा था। वो ISI और लश्कर-ए-तैयबा का मेंबर है। वो पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है।
अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने 25 जनवरी 2024 को मुंबई हमले के दोषी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी थी। अदालत ने इस मामले में उसकी दोषसिद्धि के खिलाफ समीक्षा याचिका खारिज कर दी थी। गौरतलब है कि तहव्वुर राणा को 2009 में FBI ने गिरफ्तार किया था।