काबुल। अफगान अधिकारियों ने बगराम एयरबेस पर फिर से कब्जा करने के अमेरिकी इरादों को खारिज कर दिया है और कहा है कि वे किसी भी तरह की विदेशी सैन्य उपस्थिति को स्वीकार नहीं करेंगे। जनरल डायरेक्टरेट ऑफ इंटेलिजेंस के पूर्व उपाध्यक्षा मुल्ला ताजमीर जवाद ने अमेरिका के उस इरादे की निंदा की और भरोसा जताया कि अफगान सरकार मौजूदा स्थिति को बनाए रखेगी।
अफगान रक्षा मंत्री मोहम्मद याकूब मुजाहिद ने कहा कि अगर दूसरे पक्ष एयरबेस पर नियंत्रण चाहते हैं तो अफगान पक्ष संघर्ष के लिए तैयार है और यह स्थिति लंबे समय तक जारी रह सकती है। विदेश मंत्रालय के राजनीतिक निदेशक जाकिर जलाली ने भी अमेरिका की वापसी की संभावना को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि अफगान जनता ने कभी अपने क्षेत्र में विदेशी सैनिकों की तैनाती स्वीकार नहीं की और बगराम के मसले को किसी भी बातचीत का हिस्सा नहीं बनाया जाना चाहिए।
यह विवाद ऐसे समय उठकर सामने आया है जब पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर और पब्लिक बयानों में कहा कि अगर अफगानिस्तान बगराम एयरबेस वापस नहीं देता तो उसके परिणाम खराब हो सकते हैं। ट्रम्प ने लंदन में मीडिया से बातचीत के दौरान भी कहा था कि वे इस एयरबेस को दोबारा अपने नियंत्रण में लाना चाहते हैं।
बगराम एयरबेस 11 सितंबर 2001 के बाद लंबे समय तक अमेरिकी तथा गठबंधन बलों का एक प्रमुख सैन्य केंद्र रहा। 2021 में अमेरिकी बलों की वापसी के बाद तालिबान ने इसे कब्जे में ले लिया था; अब यह मुद्दा दोनों देशों के बीच तनाव का स्रोत बन गया है।