नई दिल्ली/मुंबई| मुंबई आतंकी हमले की जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को एक बड़ी सफलता मिली है। सूत्रों के अनुसार, हमले के प्रमुख साजिशकर्ताओं में शामिल तहव्वुर हुसैन राणा ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि ताज होटल समेत अन्य स्थानों पर हुए हमले पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के निर्देश पर किए गए थे।
राणा, जो इस समय NIA की हिरासत में है और तिहाड़ जेल में बंद है, ने बताया कि वह पाकिस्तानी सेना का एक विश्वसनीय एजेंट था और हमले की योजना के दौरान मुंबई में मौजूद था। उसने यह भी कबूला कि वह लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के लिए काम करता था और डेविड हेडली के साथ मिलकर कई बार आतंकी प्रशिक्षण में शामिल हुआ।
हमले की योजना में सक्रिय भूमिका
एनआईए के मुताबिक, राणा ने न केवल हमलों की योजना में भाग लिया, बल्कि डेविड हेडली को भारत में यात्रा दस्तावेज प्राप्त करने और लक्ष्यों की टोह लेने में भी मदद की। एनआईए की 2011 की चार्जशीट में राणा को हेडली और अन्य छह आरोपियों के साथ सह-साजिशकर्ता बताया गया है।
जांच में मिले सबूतों में शामिल हैं:
134 गवाहों के बयान
210 दस्तावेज
106 ईमेल, जिनमें हेडली की पत्नी का एक ईमेल भी शामिल है जिसमें उसने हमलों के ‘सफल आयोजन’ पर बधाई दी थी।
दिल्ली पर हमले की भी थी साजिश
सूत्रों के अनुसार, राणा ने पूछताछ में यह भी स्वीकार किया कि उसकी साजिश केवल मुंबई तक सीमित नहीं थी। वह दिल्ली में भी 26/11 जैसे हमले की योजना बना रहा था। अप्रैल में विशेष एनआईए न्यायाधीश चंदर जीत सिंह द्वारा जारी 12 पन्नों के आदेश में बताया गया था कि राणा की साजिश के अंतरराष्ट्रीय निहितार्थ थे और राष्ट्रीय राजधानी सहित कई शहर हमले के संभावित लक्ष्य थे।
गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू
राणा के इस विस्तृत और गंभीर कबूलनामे के बाद मुंबई पुलिस अब उसे औपचारिक रूप से गिरफ्तार करने और आगे की पूछताछ के लिए अपनी हिरासत में लेने की तैयारी कर रही है। अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद 64 वर्षीय राणा को भारत लाया गया था, जहां फिलहाल वह दिल्ली में एनआईए की निगरानी में है।