लंदन। भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी (Nirav Modi) को ब्रिटेन की हाई कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने आज बुधवार को नीरव मोदी की अपील को खारिज करते हुए भारत प्रत्यर्पण पर मुहर लगा दी है। ब्रिटेन हाई कोर्ट के इस निर्णय के बाद मोदी को भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है। गौरतलब है कि नीरव मोदी भारत में भगोड़ा घोषित है। फिलहाल वो ब्रिटेन में शरण लिया हुआ है।
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नीरव मोदी पर मेहुल चौकसी के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक से 14500 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप है। इसी साल फरवरी में नीरव मोदी को उस समय बड़ा झटका दिया था जब ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी। इसके बाद नीरव मोदी ने लंदन हाई कोर्ट में अपील दायर की थी। नीरव मोदी में हाई कोर्ट से कहा था कि भारत में उसकी जान को खतरा है।
ब्रिटेन की हाई कोर्ट में अपील पर सुनवाई की अनुमति दो आधार पर दी गई थी। यूरोपीय मानवाधिकार समझौते (ईसीएचआर) के अनुच्छेद 3 के तहत यदि नीरव की मानसिक स्थिति को देखते हुए उसका प्रत्यर्पण अनुचित या दमनकारी है तो दलीलों पर सुनवाई करने की अनुमति थी और मानसिक सेहत से ही संबंधित प्रत्यर्पण अधिनियम 2003 की धारा 91 के तहत इसकी अनुमति दी गई।
2018 में सामने आया था पीएनबी धोखाधड़ी मामला
पंजाब नेशनल बैंक में धोखाधड़ी का मामला पहली बार 29 जनवरी 2018 में सामने आया था। इसके बाद 29 जून 2018 को इंटरपोल की ओर से नीरव मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। अगस्त 2018 में सीबीआई ने पहली बार ब्रिटेन की कोर्ट में नीरव मोदी के प्रत्यर्पण की अपील की थी।
मयंक मेहता के साथ बैठक करने का निर्देश
पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) से कहा था कि वे एक सप्ताह के भीतर बैठक करें और भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के रिश्तेदार मयंक मेहता की ओर से किए गए खुलासे तथा पैसों के लेन-देन से जुड़ी सामग्री साझा करें। पीठ ने कहा कि मेहता से जांच एजेंसी को पड़ताल में बैंक खातों के संबंध में जो भी प्रासंगिक जानकारी मिली है, उसे वह सीबीआई के साथ साझा करें।
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