यरूशलम। कल मंगलवार 17 अक्टूबर को गाजा सिटी अस्पताल पर हमले के बाद फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास बंधक बनाए गए सैकड़ों इस्राइली नागरिकों को रिहा करने के लिए तैयार हो गया है, लेकिन इसके लिए उसने एक शर्त रखी है। हमास ने कहा कि यदि इस्राइल गाजा पर हमला करना बंद कर दे तो वह बंधकों को रिहा कर देगा।
गौरतलब है कि बीते सात अक्तूबर को ऑपरेशन अल-अक्सा फ्लड बैटल के तहत हमास ने इस्राइल पर हमला किया था। इस हमले के दौरान आतंकियों ने सैकड़ों इस्राइली नागरिकों को गाजा पट्टी में बंधक बना लिया। हमास के उच्च स्तरीय अधिकारी ने बताया था कि उन्होंने करीब 200-250 लोगों को बंधक बनाकर रखा है। इस्राइल-हमास युद्ध में अबतक 1400 इस्राइली नागरिकों की मौत हो चुकी है। वहीं गाजा पट्टी में करीबन 3000 लोगों जान गई है।
आईडीएफ ने नहीं ली हमले की जिम्मेदारी
मंगलवार को गाजा पट्टी में अस्पताल पर हुए हमले की जिम्मेदारी इस्राइली वायु सेना (आईडीएफ) ने नहीं ली है। आईडीएफ ने इस हमले के लिए फलस्तीनी इस्लामिक जिहाद सैन्य समूह के असफल रॉकेट लॉन्च को जिम्मेदार ठहराया है।
इस्राइली वायु सेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, आईडीएफ की परिचालन प्रणालियों के विश्लेषण के अनुसार, इस्राइल की तरफ रॉकेटों की श्रृंखला छोड़ी गई थी जो अस्पताल के आसपास से गुजरी और वहीं फट गई। इस हमले के लिए इस्लामिक जिहाद आतंकी संगठन जिम्मेदार है।
स्थानीय अधिकारियों के अनुसार इस्राइल के इस हमले में 300 लोगों की मौत हो गई है। वहीं गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस हमले में 500 लोगों के मरने की जानकारी दी है। फलस्तीन के एक अधिकारी ने मंगलवार को हुए इस हमले को नरसंहार बताया है। उन्होंने कहा, अब चुप्पी को स्वीकार नहीं किया जाएगा।