मुंबई। मुंबई के ताज होटल में हो रही यूएनएससी (UNSC) की आतंकवाद विरोधी समिति की बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा 26/11 मुंबई हमले के साजिशकर्ताओं को लाने का काम अभी भी अधूरा है।
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आज शुक्रवार को बैठक के दौरान जयशंकर ने 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले को याद करते हुए कहा कि मुंबई के होटल ताज महल पैलेस में बैठक काफी अहम है। उस वक्त पूरे मुंबई शहर को बंधक बना लिया गया था और पीड़ितों में आम मुंबईकर भी शामिल थे।
उन्होंने कहा 14 साल पहले, मुंबई ने हमारे समय के सबसे चौंकाने वाले आतंकवादी हमलों में से एक को देखा। इस हमले में 140 भारतीय नागरिकों और 26 विदेशी नागरिकों ने अपनी जान गंवा दी। वास्तव में, पूरे शहर को आतंकवादियों ने बंधक बना लिया था, उन्होंने सीमा पार से प्रवेश किया था।
काम अभी भी अधूरा
जयशंकर ने कहा कि हमला सिर्फ मुंबई पर नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर था। आतंकी हमले से पहले विशिष्ट देशों के नागरिकों की पहचान की गई थी और आतंकी हमले के जरिए दुनिया भर के देशों को सार्वजनिक रूप से चुनौती दी गई थी।
विदेश मंत्री ने कहा तब से हमने इस हमले के मास्टरमाइंड और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने का प्रयास किया है। यह कार्य अभी भी अधूरा है। इसलिए इस स्थल पर यूएनएससी आतंकवाद विरोधी समिति का एक साथ आना सभी विशेष और महत्वपूर्ण है।
आतंकवाद विरोधी बैठक की मेजबानी के लिए मुंबई का ताज होटल चुना जाना भारत के लिए काफी अहम है। बैठक में घाना के विदेश मंत्री शर्ली अयोरकोर बोचवे के अलावा, गैबॉन के विदेश मंत्री, संयुक्त अरब अमीरात के राज्य मंत्री, रीम बिन्त अब्राहिम अल हाशिमी, ब्रिटेन के विदेश सचिव, अल्बानिया के उप विदेश मंत्री मेगी फिनो और संयुक्त राष्ट्र के उप महासचिव व्लादिमीर वोरोनकोव भी उपस्थित हैं।
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