अरुणाचल प्रदेश से चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा अगवा किए गए भारतीय युवक ने अब अपनी आप बीती सुनाई है। 17 साल के जिड़ो गांव निवासी मिराम तारोन को चीन की सेना ने भारतीय सीमा में घुस कर बंदी बना लिया था और अपने साथ चीन ले गए थे। मिराम को 18 जनवरी को अगवा किया गया था। हालांकि, चीनी सेना ने उसे भारत को सौंप दिया लेकिन सौंपने से पहले उसे 8 दिन तक टार्चर किया गया।
आखों पर हर वक़्त बंधी रहती थी पट्टी
मिराम ने खुद अपने साथ हुए टार्चर की कहानी सुनाई है। मिराम ने बताया, ‘मुझे नहीं पता था कि वे मुझे भारतीय इलाके में ले जा रहे थे या कहीं और। मुझे लगा कि वे मुझे अपने शहर ले जाएंगे और मुझे मार डालेंगे। चीनी सैनिकों आंख पर पट्टी बांधकर मुझे एक कैंप में ले गए। मैं डर गया था, लेकिन डर के मारे रो भी नहीं पा रहा था और कांप रहा था।’
चीनी सेना ने लातों से मारा, दिए बिजली के झटके
उसने आगे कहा कि ‘उन्होंने मुझसे कुछ बातें की लेकिन मैं उनकी भाषा नहीं समझ पा रहा था, इसलिए मैं वहीं बैठ गया। जिसके बाद उन्होंने मुझे लात मारना शुरु कर दिया। फिर दो बार बिजली के झटके भी दिए। कुछ दिन पहले मिराम ने अपने पिता को बताया कि हाथ-पैर और आंखों की पट्टी सिर्फ उस वक्त हटाई जाती थी, जब खाने का वक्त हो या टॉयलेट जाना हो।’