पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के बीच, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता और महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समस्तीपुर रैली में ‘लालटेन’ वाले बयान पर जवाब दिया है। तेजस्वी ने कहा कि प्रधानमंत्री इस मुद्दे को लेकर भटकाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि महागठबंधन जनता के वास्तविक मुद्दों—रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य—पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
पटना में मीडिया से बातचीत में तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार की जनता बदलाव के मूड में है। लोग मौजूदा सरकार से तंग आ चुके हैं, जहां भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी आम हैं और प्रशासनिक अक्षमता चरम पर है। उनका कहना था कि पूरा माहौल महागठबंधन के पक्ष में है और जनता इस स्थिति में बदलाव लाने की ओर अग्रसर है।
तेजस्वी ने प्रधानमंत्री मोदी के भाषण को नकारात्मक करार देते हुए कहा कि उनके हर शब्द में बिहार को बदनाम करने की कोशिश थी, जबकि कोई सकारात्मक पहल नहीं दिखी। उन्होंने सवाल उठाया कि पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार के लिए क्या किया, जबकि गुजरात को बुलेट ट्रेन, इंटरनेशनल स्टेडियम और फैक्ट्रियां मिलीं। उनका आरोप था कि बिहार को निवेशकों और सुविधाओं के मामले में अनदेखा किया गया।
राजद नेता ने कहा कि बिहार की जनता जागरूक है और अपनी सरकार को जवाबदेह बनाने के लिए तैयार है। उन्होंने भाजपा पर अति-पिछड़ा वर्ग के प्रति भेदभाव का आरोप लगाया और कहा कि यदि बिहार में कोई अति-पिछड़ा वर्ग का नेता उपमुख्यमंत्री बनता है तो भाजपा और अमित शाह की नाराजगी बढ़ जाती है। तेजस्वी ने दावा किया कि महागठबंधन सरकार बनने के बाद यह असंतोष दूर किया जाएगा।
तेजस्वी ने एनडीए पर यह भी आरोप लगाया कि वह लालटेन जैसे मामूली मुद्दों को उठा कर असली समस्याओं रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य से ध्यान भटका रही है। उनका कहना था कि बिहार को गुजरात जैसी प्राथमिकताएं नहीं मिल रही, लेकिन अगली सरकार महागठबंधन की ही बनने वाली है।