लोकसभा में आज वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में विशेष चर्चा आयोजित की गई। स्वतंत्रता आंदोलन में इस राष्ट्रीय गीत की भूमिका और भारत की सांस्कृतिक विरासत पर केंद्रित यह चर्चा दोपहर 12 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के साथ शुरू हुई। चर्चा के लिए कुल 10 घंटे का समय निर्धारित किया गया है।
सरकार की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अनुराग ठाकुर हिस्सा लेंगे, जबकि विपक्ष की ओर से गौरव गोगोई, प्रियंका वाड्रा, दीपेंद्र हुड्डा, विमल अकोइजम, प्रणिती शिंदे, प्रशांत पडोले, चमाला रेड्डी और ज्योत्सना महंत अपने विचार रखेंगे।
पीएम मोदी के आरोपों से गर्मा सकता है माहौल
चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के उस हालिया बयान पर हंगामे की आशंका है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस पर 1937 में वंदे मातरम् के प्रमुख छंद हटाने का आरोप लगाया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सदी में वंदे मातरम् के साथ “विश्वासघात” हुआ और इसे अनावश्यक विवादों में घसीटा गया।
उन्होंने कहा कि मुस्लिम लीग और मोहम्मद अली जिन्ना ने इस गीत का विरोध किया, लेकिन कांग्रेस ने लीग के दबाव में आकर इसकी समीक्षा और कटौती का फैसला लिया। मोदी के अनुसार, नेहरू मुस्लिम लीग की निंदा करने से इसलिए पीछे हटे क्योंकि उन्हें अपनी कुर्सी खोने का डर था।
वंदे मातरम् की शक्ति से घबराए थे अंग्रेज
प्रधानमंत्री ने कहा कि बंगाल विभाजन के दौरान वंदे मातरम् की गूंज ने स्वदेशी आंदोलन को नई ऊर्जा दी। अंग्रेज इसकी लोकप्रियता से इतने परेशान हुए कि इस गीत को गाने, छापने और यहां तक कि “वंदे मातरम्” शब्द बोलने पर भी सजा देने जैसे कठोर नियम लागू किए गए।
राहुल और प्रियंका अनुपस्थित
पीएम मोदी जब सदन में बोल रहे थे, उस समय विपक्ष के नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी अपनी सीटों पर मौजूद नहीं थे। शेड्यूल के अनुसार, लोकसभा में 10 घंटे की निर्धारित चर्चा में NDA सदस्यों के लिए 2 घंटे का समय तय किया गया है। वंदे मातरम् के 150 वर्ष पर यह बहस न केवल ऐतिहासिक महत्व रखती है, बल्कि सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच राजनीतिक तनातनी का मंच भी बनती दिखाई दे रही है।