नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने बाटला हाउस एनकाउंटर के दोषी आतंकी आरिज खान की फांसी की सजा पर रोक लगाते हुए उसको आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। निचली अदालत आतंकी को फांसी की सजा सुनाई थी। हाई कोर्ट ने निचली अदालत के दोषी ठहराने के फैसले को बरकरार रखा है। बाटला हाउस एनकाउंटर केस को अब 15 साल हो गए हैं।
केस में कब क्या हुआ?
13 सितंबर 2008- नई दिल्ली में हुए सिलसिलेवार विस्फोटों में 39 लोगों की मौत हुई थी और 159 लोग घायल हो गए थे।
19 सितंबर 2008- पुलिस और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई।
3 जुलाई, 2009- आरिज खान और शहजाद अहमद ने निचली अदालत ने अपराधी घोषित किया।
3 फरवरी 2010- शहजाद अहमद को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया।
1 अक्टूबर 2009- मामले की जांच दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा को सौंपी गई।
30 जुलाई 2013- इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादी शहजाद अहमद को निचली अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई।
14 फरवरी, 2018 को आरिज खान को एक दशक तक फरार होने के बाद गिरफ्तार किया गया।
08 मार्च 2021- आरिज खान पर निचली अदालत ने हत्या और अन्य अपराधों का आरोप लगाया।
15 मार्च 2021- अदालत ने आरिज खान को मौत की सजा सुनाई है। 11 लाख रुपये का फाइन भी लगाया।
10 जनवरी, 2022- हाईकोर्ट ने सजा और सजा के निचली अदालत के आदेश के खिलाफ आरिज खान की अपील पर पुलिस को नोटिस जारी किया।
7 मार्च 2022- हाईकोर्ट ने खान को मौत की सजा की पुष्टि करने के बारे में नोटिस जारी किया।
18 अगस्त 2023- हाईकोर्ट ने मामले में आरिज खान को दी गई मौत की सजा की पुष्टि पर अपना फैसला सुरक्षित रखा।
12 अक्टूबर 2023- पुलिस निरीक्षक मोहन चंद शर्मा की हत्या के मामले में खान को दोषी ठहराया गया है लेकिन मौत की सजा उम्रकैद में बदल दी गई है।